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प्राचीन काली मंदिर में श्रद्धालु मांगते है मन्नतें



 


हल्दी। क्षेत्र के नीरुपुर गांव स्थित प्राचीन काली मंदिर है जहां क्षेत्र के कई गांवों के लोग इस आदिशक्ति के दरबार में माथा टेकने के लिए आते है और उनकी मन्नतें पूरी होती है।

गांव के बुजुर्ग लल्लन तिवारी बताते हैं कि तिवारी वंशज के पूर्वज राय रतनपुर,जिला बिलासपुर में महामाया काली के उपासक थे। मुगलों के उत्पात के कारण सभी ब्राह्मण समाज को पलायन करना पड़ा। आखिर में हल्दी स्टेट ने उनको शरण दिया। दिनेश तिवारी ने बताया कि करीब तीन सौ वर्ष पुराना यह आदीशक्ति का मंदिर है। बताया जाता है कि यहां जो कोई सच्ची श्रद्धा व भक्ति से मां काली को पूजा उनकी मन्नतें पूरी हुई। पहने तो काफी छोटा मंदिर था लेकिन अब ग्रामीणों ने मातारानी का भव्य मंदिर   बना दिया है। यहां लोगों की आस्था दिनों दिन प्रगाढ़ होती गई।और 

आस-पास के गांवों से तथा शहर के लोग अक्सर पूजा के लिए आते हैं। ग्राम सभा  नीरूपुर स्थित प्राचीन काली मंदिर प्रागंण में दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है। प्रतिदिन शाम को भव्य आरती का आयोजन होता है। इस दौरान धनजी तिवारी, परमेश्वर यादव , पृथ्वी तिवारी,मनोज तिवारी , गणेश तिवारी , मदन तिवारी,भगवान, नरेन्द्र तिवारी , सिद्धार्थ तिवारी, कन्हैया तिवारी आदि शामिल रहते हैं।

रिपोर्ट एस के द्विवेदी

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