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नवका ब्रम्ह व सतकु ब्रम्ह बाबा के स्थान पर लगा मेला पुरे शबाब पर




मनियर बलिया। मनियर में नवका ब्रह्म एवं सतगु ब्रम्ह बाबा के  स्थान पर हरवर्ष शारदीय व वासतिक नवरात्न मे लगने वाला मेला इस वर्ष भी अपने शबाब पर  है। यहां पर नवरात्रि के दिनों में मेला लगता है।  दूर-दूर से श्रद्धांजलु  अपनी मनोकामनाऎं  लेकर  आते हैं और बाबा के स्थान पर रहकर  दर्शन करते हैं ।इन दोनों स्थानों पर इस वैज्ञानिक युग में  खासतौर से सबसे अधिक प्रेत बाधा से ग्रसित लोग आते हैं इन स्थानो पर एैसा मानना है  कि  मनोकामना पुर्ण हो जाने पर वे पुन:वापस जाते है   नवका ब्रह्म के विषय में कहा जाता है कि आज से करीब 250- 300 वर्ष पूर्व बिहार प्रांत के सीवान जनपद अंतर्गत चैनपुर गांव में बाल्यकाल में गरीब ब्राह्मण के रूप में रामशरण एवं शिव शरण चौबे का जन्म हुआ था। बाल्यकाल में ही एक डायन द्वारा इन दोनों भाइयों को मारण मंत्र से मारकर इनकी आत्मा को एक डिबिया में बंद कर दिया गया था। डायन की लड़की की शादी मनियर में तय हुई थी। अपनी लड़की को विदाई के समय डायन ने उक्त डिबिया को दे दिया कि इसे सरजू नदी में फेंक देना लेकिन बारातियों से नाव भरी होने के कारण वह डिबिया नहीं फेंक पाई और हाथ से आटा पीसने वाली चक्की के नीचे गाड़ दी। बरसों बीत गए उक्त बहू  बुढ़िया हो गई थी। एक दिन चक्की टांगते  समय दोनों आत्मा आजाद हो गई और आकाश से चित्कार होने लगी। खून एवं मास के लोथड़े गिरने लगे। घर में धू धू कर आग लग गई ।एक तांत्रिक द्वारा दोनों आत्माओं को गुरुमुख करने के बाद पिंड का स्वरूप दिया गया। बाद में एक निर्बंश को बंश प्राप्त हुआ एवं बिहार के ही एक जमींदार जो कुष्ठ रोग से ग्रसित था उसका कुष्ठ रोग ठीक हो गया। वह वहां मंदिर बना दिया तब से लोग आते गए और कहा जाता है कि उनकी मनोकामनाएं पूरी होती गई।  नवका ब्रह्म के स्थान से कुछ दूरी पर ही एक बुढ़वा बाबा का स्थान है वहां भी प्रेत बाधा से ग्रसित लोग आते हैं ।दोनों स्थानों  पर नवरात्रि में काफी भीड़ रहती है।भीड़ भाड़ को देखते हुए काफी मात्रा मे पुलिस ,  पीएसी व होमगार्ड के जवानो की तैनाती रहती है


रिपोर्ट प्रदीप कुमार तिवारी

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