निराश्रितों की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं: विद्यार्थी
दुबहड़, बलिया । निराश्रितों की सेवा एवं परहित से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने जननेता पूर्व मंत्री स्वर्गीय विक्रमादित्य पांडेय की स्मृति में रविवार को नगवा अखार ढाले पर दर्जनों निराश्रित एवं असहाय विधवा महिलाओं को गर्म ऊनी शाल का वितरण किया। इस अवसर पर समाजसेवी बब्बन विद्यार्थी ने कहा कि स्वर्गीय पांडेय जैसा जननेता विरले ही पैदा होते हैं। वे समाज के लिए एक कुशल लोकसेवक थे। उन्होंने अपने जीवन काल में परिचित एवं अपरिचित सभी जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भावना से सेवा की हैं। आज उन्हीं की प्रेरणा से मुझे दबे-कुचले लोगों की सेवा करने का पुनीत अवसर प्राप्त हुआ है। कहा कि वर्तमान समय में स्वार्थ की भावना के कारण समर्थ लोग भी सेवा एवं परोपकार करने में कम रुचि ले रहे हैं। जबकि सेवा एवं परोपकार मनुष्य के अंदर नि:स्वार्थ की भावना जागृत करता है। जिसके कारण गरीबों का भला होता है। इस अवसर पर पूर्व प्रधान चंद्रकुमार पाठक ने स्वर्गीय विक्रमादित्य पांडेय की स्मृति में प्रत्येक वर्ष इस प्रकार के आयोजन के लिए समाजसेवी बब्बन विद्यार्थी के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष केके पाठक, गणेशजी सिंह, उमाशंकर पाठक, पन्नालाल गुप्ता, कमलेश चौबे, नर्वदेश्वर मिश्रा, डॉ सुरेशचंद्र प्रसाद, सूर्यप्रताप यादव, मोहन जी, श्रीभगवान साहनी, कमलेश चौबे, राम लाल यादव, मोहन चौबे, अख्तर अली,छोटे लाल राजभर , श्यामजी यादव, संजय जायसवाल आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट :- नितेश पाठक
No comments