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रेगुलेटर से हो रहे रिसाव ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, जलमग्न हुए खेत



रेवती (बलिया)। टीएस बंधा के देवपुर मठिया रेगुलेटर से पानी का रिसाव कम नही होने से किसानों की बढ़ी मुश्किलें कमत्तर नहीँ हो पा रहीं हैं। बंधे के अंदर उत्तर बसे दर्जनों गावों कि हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि बरसात के पानी से जलमग्न हो चुकी है। घाघरा में घटाव से उत्तर की तरफ जलमग्न गांवो के खेतों का बरसाती पानी रेगुलेटर से रिसकर बंधे के बाहर दक्षिण साईड नदी की तरफ रिस (गिर) रहा था। जिससे खेतों में लगा बरसाती पानी का स्तर कम हो रहा था। इधर कुछ दिनों से घाघरा के जलस्तर में बढ़ाव के चलते अब नदी का पानी रेगुलेटर से रिस कर उत्तर तरफ गिर रहा हैं। इससे किसानों के खेती प्रभावित होने से परिवार के भरण पोषण को लेकर चिन्ता बढ़ती जा रही है।
इधर पूर्व में हुई शुरूआती बरसात के चलते क्षेत्र के यमुना ड्रेन, कोलनाला, दहताल, नारीतीर नाला, भाखर नाला सहित समस्त ताल तलैया व गढ्ढे पानी से पट गये है। यमुना ड्रेन से होकर रेगुलेटर से घाघरा में जाने वाला खानपुर, डुमरिया, अधैला, कंचनपुर, बेलहरी , केवा, पियरौटा, छेडी, चौबेछपरा, भाखर, दलछपरा, बघमरिया, वशिष्ठ नगर प्लाट आदि गांवों के खेतों का बरसाती पानी निकलने की जगह घाघरा के पानी के रिसाव से पुन: बढ़ते जा रहा है। 
वशिष्ठनगर प्लाट निवासी मुन्ना  पासवान ने बताया कि रेगुलेटर पर तीन फाटक है, पश्चिम साईड के दो फाटक बंद हो चुके है किन्तु पूरब साईड का तीसरे फाटक के नीचे का टैम्पर ठीक से नही बैठ पाया है, जिसके कारण चार ट्यूबेल के फोर्स के बराबर घाघरा का पानी का रिसाव उत्तर साईड होने से यमुना ड्रेन के रास्ते खेतों में फैल रहा है।
पूर्व प्रधान राजकिशोर यादव ने बताया कि रेगुलेटर की देखभाल के लिए किसी कर्मचारी की नियुक्ति नही कि गई है और न सीचाई विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी रेगुलेटर को देखने आता हैं। रेगुलेटर से सटे सीचाई विभाग का डाक बंगला सूना पड़ा हुआ है।
झरकटहां ग्राम के प्रधान मनोज पासवान ने बताया कि समय-समय पर सीचाई विभाग को सूचना दी जाती है। यदि समय से फाटक को जाम नही किया गया तो घाघरा में बाढ़ आने पर शेष बचे कृषि योग्य भूमि भी जल मग्न हो जायेगी।

  रिपोर्ट अनिल केसरी

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