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जानें कृषि ऋण मेला में भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने क्या कहा



बैरिया, बलिया । ब्लॉक मुख्यालय मुरली छपरा पर वृहस्पतिवार को किसान व कृषि ऋण मेला का आयोजन बलिया सांसद के मौजूदगी में हुआ ,जिसमे जिले के वैज्ञानिक,व अधिकारीयों ने किसानों को अत्याधुनिक विधि से कम खर्च में खेती से ज्यादा मुनाफा कमाने की विधि बताए ।वही संसद ने दुग्ध व कृषि के क्षेत्र में जिला को देश का मॉडल बनाने के लिए अधिकारियों से सहयोग मांगा।





 मृदा जागरूकता हेतु किसानमेला का आयोजन वृहस्पतिवार को ब्लॉक मुख्यालय पर किया गया जिसमें  जिला उद्यान अधिकारी नेपाल राम ने बताया कि किसानों के सबसे मुनाफे की खेती केला की खेती है,इसमें प्रति हेक्टेयर पहले वर्ष तीस हजार व दूसरे तीसरे वर्ष दस दस हजार की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाती है तथा इससे प्रति हेक्टेयर तीस लाख तक रुपये कमाए जा सकते हैं।जिला विकास प्रबंधक (नावार्ड) अखिलेश झा ने बताया कि नावार्ड से लोन लेकर जिले का विकास किया जा सकता है,नावार्ड अनेक क्षेत्रों में 75 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देकर विकास योजनाओं को प्रोत्साहन देती है।ग्रामीण अंचल के अधिकाधिक ऐसे लोग हैं जो जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ नही ले पाते जिससे ग्रामीण अंचलों का समुचित विकास नही हो पाता।नावार्ड अनेक विभागों को सहयोग देती है आवस्यकता है सभी विभागों को जिम्मेदारी पूर्वक स्थलीय निरीक्षण कर विकास योजनाओं का योजना बनाकर नावार्ड को प्रेषित करें जिससे बलिया जिला का समुचित विकास किया जा सके।कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रेम लता ने आर्गेनिक खेती को अपनाकर अधिक मुनाफे की बात कही,वहीं डॉ आर पी मौर्य व कृषि रक्षा अधिकारी प्रियनन्दा ने मृदा परीक्षण पर जोर देते हुए बताया कि बिना मृदा जांच उर्वरकों के प्रयोग से मृदा बेकार हो रहा है इससे पैदावार प्रभावित होता है साथ ही आर्गेनिक विधि अपनाने से मृदा को ताकत के साथ अधिक मुनाफे भी मिलते है ।जिला पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक मिश्र ने बताया कि जिले में 300 गावों का चयन डेयरी उत्पादन के लिए किया गया है,जिसमे दो तीन गायों वाला किसान भी इसका लाभ ले सकता है।साथ ही गर्भधान में भी ऐसे सीमन जिले में उपलब्ध करा दिया गया है जिससे मादा पशु ही पैदा होंगे।इन सब योजनाओं को अपनाकर लोग लाभ कमा सकते हैं।बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह "मस्त"ने कहा कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में बलिया को मॉडल जनपद बनाने का अभियान विकासखंड मुरलीछपरा से आज किया जा रहा है,दुग्ध उत्पादन,पशुपालन व कृषि के माध्यम से गावों के विकास की संभावना अधिक है।जबतक किसानों का विकास नही होगा तबतक देश का विकास संभव नही है।किसानों के विकास में पैसे की बाधा नही आने पाए इसके लिए सरकार समुचित व्यवस्था की है।बैंको का जिक्र करते हुए कहा कि बैंक पूंजीपतियों व शहरों से बर्बाद होता है तो गांव व किशानो से उसकी भरपाई होती है जिससे आज देश मे बैंक खुशहाल नजर आ रहे है।छोटी योजनाओं को अपना कर बड़ी योजनाओं तक का लाभ लिया जा सकता है।मेरा प्रयास यही है कि कृषि ,पशु,व दुग्ध उत्पादन को मूर्त रूप देकर बलिया को पूरे देश मे विकास का मॉडल बनाया जाए।इस मौके पर पूर्वांचल बैंक,स्टेट बैंक,बैंक ऑफ बड़ौदा ने कृषि ऋण के लिए कैम्प लगवाकर तत्काल ऋण स्वीकृत कर सैकड़ो किसानों व पशुपालकों का रजिस्ट्रेसन किया।इस अवसर पर उप निदेशक कृषि इंद्र राज यादव,अग्रणी जिला प्रबंधक दिनेश चंद्र सिंह,बी डी ओ मुरलीछपरा दिनेश कुमार सिंह,सत्यप्रिय ,विवेक सिंह,ज्ञान सिंह,रामप्रकाश सिंह,श्यामसुंदर उपाध्याय,सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।अध्यक्षता अखिलेश कुमार झा व संचालन राधेश्याम पांडेय ने किया।




रिपोर्ट : विद्याभूषण चौबे

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