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बरसाती पानी से हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न


आधा दर्जन संपर्क मार्ग पर लगा कही घुटनों तो कहीं कमर भर पानी - 


रेवती (बलिया) गंगा व घाघरा के तटवर्ती दर्जनों ग्राम सभाओं की हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि बरसात के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है । हालत यह हो गई है कि आधा दर्जन से अधिक संपर्क मार्गो पर कही घुटनें तो कहीं कमर भर पानी लगने से आवागमन अवरूद्ध हो गया है । बाईक चालक खतरा मोल कर या रास्ता बदल कर आने जाने के लिए विवश है । सबसे अधिक प्रभावित गांव दलछपरा, श्रीनगर , भैसहा व चौबेछपरा, छेड़ी व अचलगढ है।
रेवती बैरिया राज मार्ग के कोलनाला चट्टी से दलछपरा श्रीनगर व भाखर जाने वाले  दोनों संपर्क मार्ग पर खेतों का पानी कोलनाला कुन्ड से ओभर फ्लो होकर घुटनों सड़क पर से होकर बह रहा है । दलछपरा से श्रीनगर जाने वाला संपर्क मार्ग विक्रम पहलवान के घर के पास कमर भर पानी लगने से आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध है। लोग दलछपरा हाल्ट स्टेशन से रेलवे लाइन के किनारे 10 कि मी की अतिरिक्त परिक्रमा कर रेवती व रानीगंज बाजार अथवा सुरेमनपुर स्टेशन तक आ जा रहे हैं । भाखर गांव के लोग भी पानी हेलकर आने के लिए विवश है । रेवती बैरिया मार्ग के चौबेछपरा ढाला से   चौबे छपरा छेड़ी गांव जाने वाला संपर्क मार्ग भी खेतों का पानी ओभर फ्लो होकर घुटनों लग जाने से लोगों को आने जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है । चौबेछपरा गांव निवासी अरूण कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष भी कमोबेश यही स्थिति रही।  रेवती कुसौरी मार्ग पर उत्तर टोला पुल से भैसहां राजभर बस्ती में जाने वाला संपर्क मार्ग पानी के दबाव से ध्वस्त हो चुका है । खेत तो खेत बस्ती में लोगों के घरों में पानी घुस गया है । दलछपरा निवासी समाजसेवी डब्लू तिवारी ने बताया कि सन 1980 के दशक में खानपुर , डुमरिया, अधैला,कंचनपुर गांवों की बरसाती पानी से मुक्ति दिलाने के लिए पूर्व मंत्री स्व बच्चा पाठक ने खानपुर डुमरिया से अधैला, कंचनपुर, पियरौटा, केवा, चौबेछपरा, छेड़ी, नौवाबारा, दलछपरा, श्रीनगर , भाखर , बघमरिया, वशिष्ठनगर प्लाट होते हुए देवपुर मठिया रेगुलेटर तक 22 कि मी लंबा यमुना डेन बनवाया था।  ताकि दक्षिण का पानी उत्तर साईड सरयू नदी में निकल जाय । किन्तु विगत वर्ष की तरह इस बार भी सरयू  का जल स्तर बढ़ने रेगुलेटर में नीचे से रिसाव के चलते उत्तर नदी का पानी उल्टे दक्षिण गिर रहा है । जिससे यमुना ड्रेन के रास्ते बरसाती पानी का लेबल बढ़ने से अब सड़क पर से होकर बह रहा है । इतनी बड़ी परेशानियो का सामना विभिन्न गांवों के लोग झेलने के लिए विवश है बावजूद जन प्रतिनिधि व जिम्मेदार इनकी बेबसी पर चुप्पी साधे हुए हैं ।
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पुनीत केशरी

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