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नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर भोजापुर में धूम धाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से मन मोहा

 


रिपोर्ट : धीरज सिंह


बलिया :  नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर भोजापुर बैरिया बलिया में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अनील पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नवल किशोर सिंह रहे , विशिष्ठ अतिथि बैरिया खण्ड विस्तारक अविनाश जी रहे।

आगन्तुक अतिथियों को अंगवस्त्र से समान्नित करते हुए उनका  परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेन्द्र पाण्डेय ने कराया।



उन्होंने बताया कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर की भावना से प्रेरित है। 



आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील है। “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू होती है, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू करती है और 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से ‘दांडी मार्च’ को हरी झंडी दिखाकर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का उद्घाटन किया। यह समारोह स्वतंत्रता की हमारी 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ और 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगा।






मुख्य वक्ता नवल किशोर ने बताया कि भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन राष्ट्रीय एवम् क्षेत्रीय आह्वानों, उत्तेजनाओं एवम् प्रयत्नों से प्रेरित, भारतीय राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित अहिंसावादी आन्दोलन था, जिनका एक समान उद्देश्य,अंग्रेजी शासन से भारतीय उपमहाद्वीप को मुक्त करना था। इस आन्दोलन का आरम्भ १८५७ के सिपाही विद्रोह से माना जा सकता है। आगे उन्होंने बताया भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजों के विरुद्ध आन्दोलन दो प्रकार का था, एक अहिंसक आन्दोलन एवं दूसरा सशस्त्र क्रान्तिकारी आन्दोलन। भारत की आज़ादी के लिए 1857 से 1947 के बीच जितने भी प्रयत्न हुए, उनमें स्वतंत्रता का सपना संजोये क्रान्तिकारियों और शहीदों की उपस्थित सबसे अधिक प्रेरणादायी सिद्ध हुई। वस्तुतः भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग है। भारत की धरती के जितनी भक्ति और मातृ-भावना उस युग में थी, उतनी कभी नहीं रही। मातृभूमि की सेवा और उसके लिए मर-मिटने की जो भावना उस समय थी, आज उसका नितान्त अभाव हो गया है।



स्वतंत्रता के इस अमृत महोत्सव पर विद्यालय के छात्र छात्राओं ने हिन्दी भाषण, अंग्रेजी भाषण तथा संस्कृत में भाषण प्रस्तुत किया।

बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिनमें सामूहिक नृत्य, शारिरिक प्रयोग में पिरामिड बना कर प्रदर्शित किया गया।



वहीं विद्यालय के छात्र छात्राओं ने सेल्फी लेने हेतु सुन्दर भारत का मानचित्र बना कर तथा उसे सजा कर तैयार किया।

विद्यालय की सज्जा आचार्या प्रीती कुशवाहा तथा रिंकू वर्मा जी ने कराया।


आगंतुक का आभार प्रकट आचार्य चन्दन ठाकुर ने किया।

छायांकन आचार्य प्रिन्स सिंह ने किया। कार्यक्रम की अन्य व्यवस्थाओं को पूरे विद्यालय परिवार ने कराया।

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