पांच अक्टुबर को परशुराम स्थान के विनय मंच पर राम की शक्ति पूजा का होगा मंचन
मनियर, बलिया। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की आराधना का एक सुर जो काशी पुराधिपति भगवान विश्वनाथ के पवित्र आँगन बनारस से निकलकर देश - विदेश में फैल गया, उसकी प्रस्तुति अब परशुराम बाबा के धरा पर होने जा रही है। साहित्य सदन पुस्तकालय व युवा संगठन के स्थापना दिवस के मौके पर 5 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को समय 6:00 बजे परशुराम स्थान पर रुपवाणी , बनारस के द्वारा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की कालजयी रचना ' राम की शक्ति पूजा ' की नाट्य प्रस्तुति कस्बे के विनय स्मृति मंच पर होगी जिसके निर्देशक हिन्दी के जाने-माने लेखक, संस्कृतिकर्मी और नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल हैं। श्री शुक्ल को उनके उत्कृष्ट निर्देशन के लिए संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कार भी मिल चुका है। उक्त बातें कार्यक्रम के आयोजक गोपाल जी ने बताईं। साथ ही उन्होंने बताया कि ये हमारे क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक घड़ी होगी जब देश - विदेश में प्रदर्शनों का शतक पूरा कर ये नाटक अब परशुराम धरा पर प्रस्तुत होने जा रहा है। 5 फरवरी 2013 को अपनी पहली प्रस्तुति के बाद बीते दिनों नयी दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल रामायण फेस्टिवल, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में ये नाटक अपने मंचन का शतक पूरा कर चुका है जबकि इसके 11 मंचन विदेशों में भी हो चुके हैं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बलिया के प्रभारी मंत्री दया शंकर मिश्र ' दयालु ' एवं विशिष्ट अतिथिगण पूर्व सांसद सलेमपुर रविन्दर कुशवाहा, बाँसड़ीह विधायक केतकी सिंह,बरहज विधायक दीपक मिश्रा ' शाका ' , पूर्व मंत्री राजधारी सिंह,पूर्व विधायक भगवान पाठक , पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा विनोद शंकर दूबे उपस्थित रहेंगे। रुपवाणी समूह की संस्थापिका और अग्रणी शिक्षाविद डॉ. शकुंतला शुक्ल ने निराला जी की कालजयी कविता पंक्तियों के आधार पर इस प्रस्तुति का नाट्यालेख तैयार किया था जो पुस्तक के तौर पर प्रकाशित भी हो चुका है। इसका संगीत बनारसी अंदाज का है। प्रस्तुति में बनारस के तबले और कथक के बोलों, वैदिक उच्चारण, खास बोल - बनाव की गायकी, बाँसुरी और सितार की सुमधुर रागिनियों और फ्यूजनों के कमाल को देश - विदेश में खूब सराहा गया है। उन्होंने जनपद के सभी साहित्य प्रेमियों से कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए अपील की ताकी साहित्य व कला के क्षेत्र में आज के युवाओ को प्रेरित किया जा सके ।
प्रदीप कुमार तिवारी
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