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'गुलरी के फूल' के लिए अनारी को मिलेगा भिखारी ठाकुर सम्मान



सुखपुरा(बलिया)।  प्रदेश सरकार के भाषा संस्थान द्वारा संचालित प्रयागराज की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था हिंदुस्तान एकेडमी ने 22 सालों बाद एक बार पुनः इस वर्ष साहित्यकारों एवं रचनाकारों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।इसी क्रम में बुधवार को भोजपुरी के लब्ध प्रतिष्ठित गीतकार एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुखपुरा में शिक्षण कार्य कर रहे बृज मोहन प्रसाद अनारी को उनकी पुस्तक "गुलरी के फूल" के लिए एक लाख रूपये का भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान देने की घोषणा की गयी है।श्री अनारी को मिले सम्मान से न सिर्फ यह क्षेत्र बल्कि पूरा जनपद गौरवान्वित है।वैसे इसके पहले भी अनारी को प्रदेश सरकार के हिंदी संस्थान द्वारा भिखारी ठाकुर सर्जना एवं राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।इसके अलावे भी उन्हें विभिन्न राज्य सरकारों एवं साहित्यिक संस्थानों द्वारा  पुरस्कृत किया गया है।

हिंदुस्तान एकेडमी के अध्यक्ष साहित्यकार उदय प्रताप सिंह के अनुसार एकेडमी का पहला पुरस्कार सन 1927-28 में मुंशी प्रेमचंद को एवं 1997 में नामवर सिंह को आखिरी पुरस्कार प्रदान किया गया था।1997 के बाद एकेडमी ने साहित्यकारों को सम्मानित करना बंद कर दिया था।एक बार पुनः 22 सालों बाद इस वर्ष एकेडमी ने साहित्यकारों को सम्मान देने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में अनारी सहित अनेक साहित्यकारों को सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। श्री सिंह के अनुसार सम्मान के लिए चयनित साहित्यकारों को यह सम्मान मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद 10 से 15 जुलाई के मध्य एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।अनारी को सम्मान दिये जाने की घोषणा पर क्षेत्र के प्रमुख साहित्यकार महावीर प्रसाद, विजय बहादुर सिंह विकल, राज नारायण यादव,हरेराम सिंह,उमेश सिंह,जितेंद्र प्रताप सिंह,संतोष गुप्त,शौकत अली, नीता सिंह, राज कुमार तिवारी,रुस्तम अली,राजेंद्र सिंह गंवार,आरएस यादव आदि ने खुशी का इजहार करते हुए कहा है कि इससे श्री अनारी को भोजपुरी में और उत्कृष्ट साहित्य सृजन करने का प्रेरणा मिलेगा।


रिपोर्ट डॉक्टर विनय कुमार सिंह

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