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फैक्ट चेक / रामचरितमानस में नहीं है कोरोना वायरस का जिक्र, काशी के विद्वानों ने बताया सच

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में जारी है। इस वायरस की चपेट में अब तक 25 लाख 56 हजार 725 लोग आ चुके हैं। वहीं एक लाख 77 हजार 618 की मौत हो चुकी है। ऐसे में सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर चल रहा है। सोशल प्लेटफॉर्म्स पर हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस की चौपाई का एक फोटो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि ग्रंथ में कोरोना वायरस का जिक्र आता है।
चमगादड़ों से फैलेगी बीमारी
सोशल मीडिया पर रामचरित मानस के एक पन्ने का फोटो शेयर किया जा रहा है। इस पोस्ट के साथ कहा जा रहा है कि, रामायण के दोहा नंबर 120 में लिखा है जब पृथ्वी पर निंदा बढ़ जाएगी पाप बढ़ जाएंगे तब चमगादर अवतरित होंगे और चारों तरफ उनसे संबंधित बीमारी फैल जाएंगी और लोग मरेंगे और दोहा नंबर 121 में लिखा है की एक बीमारी जिसमें नर मरेंगे उसकी सिर्फ एक दवा है प्रभु भजन दान और समाधि में रहना यानी लोकडाउन



क्या है सच्चाई

जब मामले की पड़ताल की तो वायरल दावा गलत साबित हुआ। हमने इस वायरल तथ्य की जांच करने के लिए काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश मिश्रा से बात की।
  • ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस चौपाई में मानस रोग की बात की गई है। यहां कोरोना वायरस के संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है।
  • उन्होंने बताया कि, वायरल हो रही इस चौपाई का मतलब है - जो लोगों की निंदा करता है, वो दूसरे जन्म में चमगादड़ बनता है। 
इसके अलावा हमने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर शार्दिंदु कुमार तिवारी से भी इस वायरल पोस्ट को लेकर बात की।
  • डॉक्टर तिवारी के मुताबिक, रामचरितमानस के उत्तर कांड में यह सभी चौपाईयां मौजदू हैं, लेकिन इसमें कहीं भी कोरोना वायरस का जिक्र नहीं है।
  • उन्होंने कहा कि, चौपाई में बताया गया है कि लोग अपने कर्मों के अनुसार दूसरे जन्म में क्या बनेंगे। एक लाइन के मुताबिक, जो दूसरों की निंदा करता है, चमगादड़ बनेगा।
  • हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि, दोहे के अनुसार एक रोग के कारण लोगों की मौत होगी। लेकिन कहीं भी यह स्पष्ट नहीं है कि यह बीमारी चमगादड़ के कारण फैलेगी। 


डेस्क

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