Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

बलिया धूमधाम से मनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

 



- *कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मूर्ति पर लोगों ने किया माल्यार्पण*

बलियाः आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने कलेक्ट्रेट परिसर में अपने कार्यालय के ठीक सामने स्थित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर नेताजी को याद किया। इसके बाद अधिवक्ताओं व शहर के अन्य वरिष्ठ नागरिकों ने भी बारी-बारी से आकर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि नेता जी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। जुल्म व अन्याय के खिलाफ लड़ाई में वे हमेशा आगे रहते थे। आजादी की लड़ाई में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जन्मदिन को आज पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

*रूपेश की रेत कलाकृति व जीआईसी के छात्रों की रंगोली को सबने सराहा*



सैंड आर्टिस्ट रूपेश सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में सुभाष चंद्र बोस के पराक्रम पर आधारित रेत की कलाकृति बनाकर पराक्रम दिवस मनाया। जिलाधिकारी के साथ मौजूद अन्य अधिकारियों व अतिथियों ने इस कलाकृति की सराहना की। शानदार कलाकारी से मंत्रमुग्ध होकर हर कोई रूपेश के उज्जवल भविष्य की कामना करता दिखा। कड़ाके की ठंड में भी रूपेश ने कड़ी मेहनत कर इस कलाकृति को बनाया। वहीं, राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने सुभाष चंद्र बोस जी के साथ पास में बने शहीद स्तंभ पर शानदार रंगोली बनाई, इसकी तारीफ जिलाधिकारी व वहां मौजूद अन्य अतिथियों ने की। जिलाधिकारी ने कहा कि कलाकृति सीखने के इच्छुक दस छात्रों को सिखाने का प्रयास किया जाए तो एक बेहतर पहल होगी। रूपेश ने भी छात्रों को सैंड आर्ट सिखाने पर अपनी हामी भरी। एडीएम रामआसरे, सिटी मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह, शिवकुमार कौशिकेय, सेनानी रामविचार पांडेय, डाॅ विश्राम यादव, फुलबदन तिवारी, अफसर आलम समेत अन्य लोग मौजूद थे।


अदम्य साहस व अद्भुत सामर्थ्य के प्रतीक थे नेताजी






- *नेहरू युवा केन्द्र की तरफ से पराक्रम दिवस का कार्यक्रम हुआ आयोजित*

दुबहड़:  नेहरू युवा केंद्र के कार्यालय पर भी नेता जी की 125वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद मुख्य अतिथि डॉ फूलबदन सिंह ने कहा कि नेताजी का जीवन संघर्षों में बीता। वे अपने संघर्षों के माध्यम से ही देश को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराना चाहते थे। नेता जी ने अपनी राष्ट्रवादी विचारों से देश के नौजवानों को एक नई दिशा व दशा प्रदान की। आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अध्यक्षता करते हुए नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने कहा कि नेता जी के जीवन चरित्र से नौजवानों को यह सीख मिलती है कि राष्ट्र से बढ़कर युवाओं के लिए कुछ नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों को जनपद में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई गई। नमामि गंगे के जिला परियोजना अधिकारी शलभ उपाध्याय, गुप्तेश्वर प्रसाद, सोनू देव यादव, सिमरन सिंह, एजाज, रंजना, अनामिका, सोनम ,नंदिनी ,गुलशन ,अमित, राहुल राम, सत्यम चैबे, अमृता आदि थे। संचालन नितेश पाठक ने किया।

नेता जी सुभाष चन्द्र की मनाई गई जयंती




रेवती (बलिया ) : गोपाल जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रेवती के परिसर में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनाई गई । सर्वप्रथम  नेता जी के चित्र पर महाविधालय के प्रबंधक व कार्यक्रम के मुख्यातिथि अशोक श्रीवास्तव , प्राचार्या डाॅ. साधना श्रीवास्तव ,उप प्राचार्य विभागाध्यक्ष डॉ. काशीनाथ सिंह व बीटीसी विभागाध्यक्ष गुरुशरण वर्मा सहित समस्त प्राध्यापक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा माल्यार्पण व पुष्प अर्पिता किया गया । तत्पश्चात मुख्य अतिथि अशोक श्रीवास्तव द्वारा सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर  उप विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम बिहारी शर्मा,ओम प्रकाश श्रीवास्तव,अजय श्रीवास्तव,ज्ञानेन्द्र कुमार वर्मा,राम मनोहर यादव , जितेंद्र दुबे,राकेश वर्मा,संतोष सिंह,विद्या तिवारी ,रागिनी तिवारी,प्रियंका गुप्ता,सूर्यकान्त सावन,देवेन्द्र यादव, कार्यालय अधीक्षक राजीव श्रीवास्तव, बीर बहादुर पाल ,धनजी,शांति व निशा आदि मौजूद रहे ।

गंगोत्री में पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई नेताजी की जयंती






सिकन्दरपुर, बलिया। स्थानीय गंगोत्री देवी इंटर कॉलेज सिकंदरपुर बलिया के प्रांगण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान सर्वप्रथम विद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के तैल चित्र पर फूल तथा माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। प्रबंधक डॉ नरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने उनके जीवन से सीख लेने की सलाह सभी को दिया। कहा इनका जीवन निःस्वार्थ सेवा भारत के लिए समर्पित था। इसीलिए इनकी जयंती भारत सरकार ने पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है। प्रधानाचार्य श्री राजेश गुप्त,  मदन मोहन गुप्त, संतोष शर्मा, शौकत अली,  अमृतकान्त सिंह, हेमंत राय, रामजी राय, कविन्द्र वर्मा, ओम प्रकाश वर्मा, तेज प्रकाश पांडेय, प्रकाश मिश्र, चन्द्रमा जी आदि मौजूद रहे। संचालन त्रिलोकी नाथ पाण्डेय जी ने किया।

नरहेजी पीजी कॉलेज में नेता जी सुभाषचन्द बोस जयंती मनाई गई





बेल्थरारोड, बलिया। शनिवार को श्री नरहेजी पीजी कॉलेज नरही के राष्ट्रीय सेवा योजना के दोनों इकाइयों द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्या डॉ सुशीला सिंह ने नेता जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।

जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्या ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस एक प्रखर राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्र के लिए गौरव थे। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में उनका अभिन्न योगदान है।आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के कारण तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 11 बार जेल की सजा सुनाई लेकिन हौसले को डिगा न सके। कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान पीढी के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेरणा स्रोत होंगे। देशवासी आज भी उनके योगदान को याद करते हैं और ऐसे वीरों के प्रति नतमस्तक हैं। डॉ श्रीमती श्वेता सिंह ने कहा “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” यह नारा देश दुनिया में प्रसिद्ध है और यही कारण है आने वाली पीढ़ी नेताजी के राष्ट्रभक्ति को हमेशा याद रखेगी। नए युवा पीढ़ी के लिए सुभाष चंद्र बोस की जीवनी राष्ट्रभक्ति के लिए एक मंत्र है। इस मौके पर कार्यालय अधीक्षक राजेश सिंह, डॉ शोभा मिश्र, इंद्रसेन सिंह, यास्मीन बानो सहित शिक्षक, कर्मचारी एवं दोनों इकाइयों के छात्र छात्राओं ने सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।


रिपोर्ट धीरज सिंह, नितेश पाठक, पुनीत केशरी, संतोष शर्मा,  संतोष द्विवेदी

No comments