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राम केवट संवाद सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

 


हल्दी, बलिया । राम कथा सेवा समिति बेलहरी (बारहगावा) द्वारा बलिया-बैरिया मार्ग के दक्षिण स्थित मैदान में सात दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन किया गया है।जिसमें शुक्रवार की शाम केवट संवाद का मार्मिक कथा श्री राजनजी महाराज जी के मुखारबिंद से प्रसंग सुनकर भक्त भाव-विभोर हो गए।

रामकथा में राजन जी महाराज ने कहा कि भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है।



क्योंकि एक दिन पूर्व रात्रि में जब निषाद राज व लक्ष्मण के बीच वार्ता हो रही थी तो केवट वही पहरेदार बन सारी बाते सुन रहा था।उसने सुना था कि भगवान राम स्वयं ब्रम्ह है। उनके चरणों में ही मनसा,वाचा,करुणा,कर्मणा और प्रेम है।इसलिए केवट ने उनके पैर धोने पर ही नाव लाने पर राजी हुआ।इसलिए भगवान को जानने की कोशिश न करे उनको मान कर प्रेम बढ़ाये।इससे आपका मानना जानने में बदल जायेगा। राम-केवट संवाद के इस प्रसंग को सुनकर श्रोता आनंदित हो गए।इस मौके पर संयोजक मुन्ना मिश्र व   राम सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल सिंह ने आये हुए सभी क्षेत्र वासियो का आभार व्यक्त किया है।


रिपोर्ट सुशील द्विवेदी

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