बलिया में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान पर कार्यशाला आयोजित
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है – जिला मलेरिया अधिकारी
- जिले में 22 नवम्बर से सात दिसम्बर तक चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान
- लगभग 28 लाख लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य निर्धारित
बलिया:फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वावधान में स्थानीय एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई। डब्ल्यूएचओ के ज़ोनल को-आर्डिंनेटर डा० निशांत ने बताया कि इस बीमारी के दुष्परिणाम कई वर्षों के बाद देखने को मिलते हैं । शुरूआत में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और एक संक्रमित व्यक्ति दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को बिना कोई बाहरी लक्षण दिखे संक्रमित करता रहता है।
इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन के कारण फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता जैसी स्थिति बन जाती है । प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक एवं कठिन हो जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है | इस बीमारी से बचाव के लिए वर्ष में एक बार दवा खाना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद में 22 नवम्बर से सात दिसम्बर तक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत जनपद में लगभग 28 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा (डीईसी और एल्बेण्डाज़ोल) उनके वजन और आयु के आधार पर खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यता हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाना जिसे कईलूरिया भी कहते हैं जो फाइलेरिया का ही एक लक्षण है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है। फाइलेरिया होने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। फाइलेरिया न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जिसके तहत 22 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक घर-घर जाकर दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि इस अभियान के तहत दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी। जो लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अर्थराइटिस की दवा ले रहे हैं उनको भी इस दवा का सेवन अवश्य करना है।
कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी, अधीक्षक/ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, मलेरिया/ फाइलेरिया विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, पाथ संस्था के ड़ॉ० ज्ञानचंद्र, पीसीआई के रीजनल मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर विकास द्विवेदी, सी-फार के कालाजार एवं मलेरिया कार्यक्रम के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय एवं शक्ति पाण्डेय उपस्थित रहे।
रिपोर्ट धीरज सिंह
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