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रामबदन भगत ने दिया मां काली का प्रसाद तो दूर हुआ एचआईवी का लाइलाज़ मर्ज

  







बलिया: इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के असुही गांव निवासी  अनिता राजभर पत्नी मिथुन राजभर को जब मेडिकल साइंस डाक्टरों ने गर्भावस्था के दौरान एचआईवी (एड्स) संक्रमित बता कर निराश किया तो महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी बूटियों के एड्स का लाइलाज मर्ज जाता रहा।





अपनी व्यथा सुनाते हुए अनिता बताती हैं कि बात वर्ष 2012की है,जब वह अपने पति के साथ दिल्ली में रहती थी, जहां उसके पति नौकरी करते थे। इसी दौरान वह गर्भवती हुई। गर्भावस्था के 3 माह के उपरांत जब वह नियमित जांच के लिए चिकित्सक के पास गई और डॉक्टर द्वारा उसका एचआईवी परीक्षण किया गया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उस समय चिकित्सक ने उपचार के लिए हाथ खड़े करते हुए उसे महज 3 माह का मेहमान बताया। हालांकि इसके बाद वह निराश नहीं हुई और वाराणसी के बीएचयू में पुनः  टेस्ट कराया, जहां फिर उसकी रिपोर्ट पाज़िटिव आई। इसके बाद तो उसने जिंदगी की आखिरी छोड़ दी। इसी दौरान किसी ने उसे पकड़ी भूमि स्थित काली मंदिर जाने की सलाह दी।


मरता क्या न करता की तर्ज पर अनिता पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। उसकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और  कुछ औषधियां देते हुए उसके उसके हुए उसके उसके नियमित प्रयोग की सलाह दी। अनिता बताती हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ हुआ, जिस बीमारी के निदान के लिए वह तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाई और निराश होकर लौट आई थी, वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गया।



डेस्क

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