प्रशासनिक चूक का मतदाताओं ने भुगता परिणाम, बूथ से बैरंग लौट
हल्दी/बलिया।लोकतंत्र के महापर्व पर रविवार को क्षेत्र के पहली बार मतदाता बने युवक-युवतियाँ उत्साहित होकर मतदान करने के लिए बूथ पर पहुंचे लेकिन जहाँ घंटों लाइन में खड़े भी लेकिन उनकी सारी खुशियां बूथ में जाते ही काफुर हो गई।क्योंकि मतदाता सूची में नाम ही नहीं था। नतीजतन उन्हें बिना वोट दिए बूथ से वापस लौटना पड़ा। जिसमें मुख्य रूप से बबुआपुर निवासी नीलम उपाध्याय 30, राजेश 22, अरुण 21, विजय20, रोहित 20 विनय 21, विपिन19 सहित कई लोग रहे। इन लोगों का कहना है कि चुनाव आयोग के आदेशानुसार हर मतदान केंद्र पर फार्म संख्या 7 उपलब्ध रहेगा। जिस को भर कर जिनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है वह अपना वोट दे सकते हैं लेकिन पीठासीन अधिकारी सहित कोई भी अधिकारी ऐसा फार्म उपलब्ध न होने की बात कही। विगही बूथ पर पहुंचे सेक्टर मजिस्ट्रेट से पूछे जाने पर बताया कि इस बावत ट्रेनिंग के दौरान मुझे कुछ नहीं बताया गया है।
लोकतांत्रिक अधिकार के लिए गर्मी से जूझता रहे लोग
लोकतंत्र के इस माह पर्व पर लोग अपने मताधिकार के लिए कड़ी धूप में लंबी कतार में खड़े हो धूप से लड़ते रहे।जब उनसे यह पूछा गए कि आप को धूप नही लग रही तो उनका जबाब था कि हम अपने मत का उपयोग कर रहे है।क्यो की यही हमारा वोट राष्ट्र निर्माण में एक ईट साबित होगा और हमारे देश सर्वांगीण व चौमुखी विकास की राह तय करेगा।इस लिए इसके आगे यह धूप कुछ नही है।
ख़राब हुई ईवीएम, परेशान रहे मतदाता
लोकसभा के इस चुनाव में क्षेत्र के कई बूथों पर इवीएम मशीन खराब होने के कारण अधिकारी व मतदाता हलकान रहे।क्षेत्र के सोनवानी गांव के बूथ संख्या 55 पर मशीन खराब होने से डेढ़ घंटे बाद मतदान शुरू हुआ।तो वही बिगही के बूथ संख्या 50 पर इवीएम मशीन का पिन टूटने से मतदान एक घंटा बाधित रहा।दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय राजपुर एकौना के बूथ संख्या 353 पर इवीएम मशीन खराब होने के चलते डेढ़ घंटे बाद मतदान चालू हुआ।जब तक मतदान चालू नही हुआ तब तक सैकड़ों मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए लाइन में खड़े रहे।
कईयों का गायब हुआ वोटर लिस्ट से नाम
लोक सभा के चुनाव में वोटर लिस्ट में नाम कटने से ऐसे कई लोग वंचित रह गए हैं जो पहले के चुनावों में अपने मत का प्रयोग कर चुके है।बिगही निवासी विकलांग आशिक अन्सारी(47)प्रियंका ,पल्लवी,प्रगति सहित कई लोग पहले चुनावो में वोट दे चुके है।लेकिन इस बार वोटर लिस्ट में नाम न होने के कारण मताधिकार का प्रयोग करने से बंचित रह गए।
स्वर्गवासी मतदाताओं को भी बनाया वोटर
लोक सभा के इस चुनाव में भले ही चुनाव आयोग अपने नए- नए नियमो से वोटरों को वोट के लिये प्रेरित करे ।लेकिन बीएलओ की लापरवाही के चलते क्षेत्र के कई गांवों में आज भी वर्षों पहले मृत लोगों का नाम वोटर लिस्ट में जिंदा है।जैसे कि बिगही में मुक्तेश्वर तिवारी ,श्रीकृष्ण तिवारी ,कैलाश तिवारी (सभी बूथ संख्या 48) कुनकुन ,बचकलिया ,(सभी बूथ संख्या 47), भगरसनी (बूथ संख्या 49)- इन सबका नाम है और इनकी मृत्यु 3से 4 वर्ष पहले हो गयी थी।वहीं कईयों को जिंदा रहने के वावजूद नाम काट दिया गया है.
शर्मसार हुई मानवता, लाइन में घंटो खड़े रहे दिव्यांग व वृद्ध वोटर
चुनाव के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्र पहुंचे कई वृद्धों,दिव्यांगों व बीमार लोगों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नही की गई थी ।वैसे तो हरेक बूथ पर विकलांगो के लिए ह्वील चेयर उपलब्ध थी।लेकिन यह हवा- हवाई उस समय साबित हुई जब वृद्ध,दिव्यांग व मरीजो को भी घंटों लाइन में खड़ा होने के बाद अपने मताधिकार का प्रयोग करना पड़ा।
पेय जल को तरसे लोग
इन दिनों क्षेत्र में आर्सेनिक व आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण इंडिया मार्का हैंडपंप सिर्फ जहर पानी ही उगल रहे।क्षेत्र के ज्यादेतर प्राथमिक विद्यालयों पर नल ही उपलब्ध है। जिस कारण मतदाताओं व मतदाता कर्मियों के पानी पीने के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था नही थी।
बूथों पर चक्रमण रही पुलिस
चुनाव के समय जहाँ सेना व पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी।वही हल्दी थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह अपने हमराहियों में साथ सभी बूथों पर निरंतर चक्रमण करते नजर आये।इस दौरान उन्होंने अपने सभी उपनिरीक्षकों को साधन उपलब्ध कर मोवाइल डियूटी में लगा रखा था ताकि लाइन आर्डर पूरी तरह मेन्टेन रहे।
रिपोर्ट अतिश उपाध्याय
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