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24 घंटे बाद भी नहीं हुई सीएम के हुक्म की तामील



बैरिया (बलिया): गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से दुबेछपरा, गोपालपुर, उदईछपरा सहित एक दर्जन गांवों के लगभग 50 हजार की आबादी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। शासन-प्रशासन द्वारा बाढ़ व कटान पीड़ितों को अभी तक कोई सहायता नहीं उपलब्ध कराया जा सका है। अलबत्ता एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत करती नजर आ रही है। दुबेछपरा, गोपालपुर, उदईछपरा के अलावा सुघर छपरा, गंगापुर, प्रसाद छपरा, बुधनचक, पांडेयपुर, मिश्र गिरि के मठिया, गुदरी सिंह के टोला, चिंतामणि राय के टोला, मुरली छपरा, मिश्र के हाता सहित एक दर्जन गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। हजारों एकड़ क्षेत्रफल में लहलहाती खरीफ की फसल गंगा में डूब चुकी है। लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। ऐसे में लोग अपना घर-बार छोड़कर अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं।

मंगलवार को दयाछपरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री वितरण के अवसर पर जिला प्रशासन को आदेशित किया था कि 12 घंटे के भीतर बाढ़ व कटान से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के साथ तत्काल सबके लिए भोजन, शुद्ध पेयजल व मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था किया जाय किंतु 24 घंटे बाद भी मुख्यमंत्री का आदेश धरातल पर उतरता नहीं दिखाई दे रहा है।
वहीं बैरिया के नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा पानी के कई टैंकर वहां लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को भेजवाया गया है। वहीं एक हजार से अधिक लोगों में पूड़ी सब्जी के पैकेट वितरण कराया गया। इसके अलावा आधा दर्जन लोगों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद में हाथ बढ़ाया है और राहत सामग्री लेकर दुबेछपरा पहुंचने का क्रम जारी है।
                                             

महज तीन गांवों पर प्रशासन का फोकस


बैरिया, बलिया। जिला प्रशासन का पूरा फोकस दुबेछपरा, उदई छपरा, गोपालपुर पर है। तहसीलदार, एसडीएम, पुलिस अधीक्षक के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, जबकि बगल में सुघर छपरा, गंगापुर सहित एक दर्जन गांवों के लोग बाढ़ से बेबस व लाचार स्थिति में है, उनका हाल जानने के लिए तहसीलदार की बात दूर लेखपाल भी मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन गांवों के लगभग 50 हजार की आबादी भगवान भरोसे है। उन्हें राहत व बचाव के नाम पर कोई रियायत या सहयोग समाचार लिखे जाने तक जिला प्रशासन या राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठनों से नहीं मिल पाया है।

                                                 

 दूबेछपरा में तेज हुई कटान, चार मकान गंगा में विलीन


बैरिया,बलिया। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही उदईछपरा, गोपालपुर व दुबेछपरा की तरफ कटान तेज हो गई है। मंगलवार की रात रघुवीर, रामजी राम, काशीनाथ व साधु कमकर का मकान पूरी तरह से गंगा में समा गए हैं। वहीं अवशेष बचे रिंग बंधे के स्पर को बचाने के लिए अभी भी बाढ़ विभाग प्रयास में लगा हुआ है। प्लास्टिक के जाल में पत्थर व बोल्डर भरकर कटान स्थल पर डाला जा रहा है। जिसे वहां के ग्रामीण औचित्यहीन बता रहे हैं। कह रहे हैं कि रिंग बंधा कट चुका है, गंगा के पानी में दर्जन भर से अधिक गांव डूब चुके हैं। ऐसे में सुरक्षा के नाम पर प्लास्टिक के जाल में बोल्ड़र डालने के पीछे सिंचाई विभाग द्वारा सरकारी धन हजम करने की मंशा है क्योंकि वहां अब स्पर बचे न बचे वहां के लिए कोई अर्थ नहीं है।



बिजली हुई बंद तो सताने लगी किरोसिन की किल्लत


बैरिया, बलिया। बाढ़ से डूबे एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली सप्लाई सोमवार से ही बंद कर दिए जाने के कारण बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई है। उनका कहना है कि अब मिट्टी तेल कोटे की दुकान से  प्रति राशन कार्ड एक लीटर मिल रहा है, जो लालटेन जलाने के लिए पर्याप्त नहीं है ऐसे में बिजली की आपूर्ति बंद कर दिए जाने से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ बिजली विभाग सुरक्षा का हलावा देकर बाढ़ में डूबे इन गांवों की बिजली आपूर्ति बंद करने की बात कह रहा है। बिजली नहीं रहने के कारण अधिकांश लोगों की मोबाइल स्विच आफ हो गया है। जिससे बाहरी लोगों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है।


राहत एवं बचाव की नहीं कोई व्यवस्था 


बैरिया, बलिया। गंगा उस पार नौरंगां, चक्की नौरंगा व भुआल छपरा में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। तीनों गांव गंगा की बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। इन गांवों में प्रशासन की ओर से राहत व बचाव के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं किए जाने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। ग्रामीणों ने इन गांवों की बाढ़ की स्थिति की तरफ जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित करते हुए त्वरित जरूरी कार्रवाई करने को गुहार लगाई है।


रिपोर्ट धीरज सिंह

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