कांग्रेस के इस नेता ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ डिनर का निमंत्रण ठुकराया
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से आयोजित रात्रि भोज में शामिल होने के न्योते को ठुकरा दिया है। अधीर रंजन इस बात से खफा हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित डिनर में उनकी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को क्यों नहीं बुलाया गया। चौधरी ने ये भी आरोप लगाया है कि मोदी के शब्दकोष में लोकतंत्र का अर्थ बदल चुका है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने समकक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सम्मान में 25 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन किया है। मेहमानों की लिस्ट में प्रोटोकॉल के तहत लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी को भी न्योता भेजा गया है। लेकिन, उन्होंने राष्ट्रपति कोविंद की ओर से आयोजित इस डिनर में आने से साफ मना कर दिया है। चौधरी के मुताबिक इस भोज में उनकी नेता और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नहीं बुलाया गया है, फिर वह इसमें कैसे शामिल हो सकते हैं।
चौधरी के मुताबिक, 'हमारी पार्टी की नेता सोनिया गांधी को निमंत्रण नहीं दिया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लोकतंत्र के कई निहितार्थ हैं, जिनमें से शालीनता और शिष्टाचार भी है। जब मोदी अमेरिका गए तब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में मंच पर मौजूद थे।'
उन्होंने संडे एक्सप्रेस से बातचीत में आरोप लगाया कि,'लेकिन यहां मोदी के शब्दकोष में लोकतंत्र का अर्थ बदल चुका है। यहां सिर्फ मोदी का शो होगा, जैसे कि भारत मोदी का हो.....कांग्रेस 134 साल पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी है और हमारी नेता को सभी लोकतांत्रिक देशों ने मान्यता दी है...मगर उन्हें नहीं बुलाया गया है...इसका कांग्रेस से सीधा संबंध है। इसीलिए मैं इसे स्वीकार नहीं सकता और न्योते को ठुकराता हूं।'
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि, 'सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं.....यह कार्यक्रम राष्ट्रपति ट्रंप उत्सव के अलावा कुछ नहीं है। व्यापार समझौते को लेकर वह अपनी राय पहले ही जता चुके हैं। ट्रंप विक्रेता की तरह दिखाई देंगे और मोदी खरीदार की तरह....इससे भारत को क्या फायदा मिलेगा....जब पूरा देश रोजगार और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए के लिए संघर्ष कर रहा है....'।
डेस्क
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