Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

पीएम ने किया राममंदिर ट्रस्ट का ऐलान तो सीएम ने मस्जिद के लिए आवंटित की जमीन,ट्रस्टियों की सूची भी आयी सामने



नई दिल्ली। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले के 88 दिन बाद सरकार ने राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की घोषणा कर दी। इसमें 15 सदस्य होंगे। बुधवार को दिल्ली चुनाव से ठीक तीन दिन पहले और कैबिनेट के फैसले के फौरन बाद प्रधानामंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे। वहां लोकसभा में उन्होंने प्रश्नकाल से पहले ट्रस्ट बनाए जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा। इसी के साथ केंद्र सरकार ने अपने कब्जे की 67.703 एकड़ जमीन भी ट्रस्ट को सौंप दी है। यह पूरा इलाका मंदिर क्षेत्र होगा। संसद में  इस बार मंदिर ट्रस्ट की घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

सुप्रीम कोर्ट ने 134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर पिछले साल 9 नवंबर को फैसला सुनाया था। इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1045 पेज के फैसले में कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। इसी आधार पर सरकार ने ट्रस्ट बनाने का निर्णय लिया है।

बता दें कि 1991 से 1993 के बीच केंद्र की तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने विवादित स्थल और उसके आसपास की करीब 67.703 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में इस पर यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए थे। 0.313 एकड़ की जमीन पर बाबरी ढांचा था। इसे मिलाकर 2.77 एकड़ की जमीन पर विवाद था। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसी 2.77 एकड़ की जमीन पर आया था। बाकी जमीन पर विवाद नहीं था। इसलिए इस पर केंद्र सरकार का ही नियंत्रण है। राम जन्मभूमि न्यास जमीन का गैर-विवादित हिस्सा चाहता था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष की मांग थी कि उसे इसी 67.703 एकड़ इलाके में 5 एकड़ जमीन मिलनी चाहिए। यह मांग सरकार ने खारिज कर दी है।

योगी सरकार ने दी मस्जिद के लिए जमीन


सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन लखनऊ की सोहावाल तहसील के धानीपुर गांव में चुनी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह जमीन जिला मुख्यालय से सिर्फ 18 किलोमीटर दूर रौनाही थाना क्षेत्र के अंतर्गत है। कहा कि केंद्र अब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट को भेजेगा। 

ये होंगे ट्रस्टी..............


1. के पाराशरण, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील।
2. जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज, प्रयागराज।
3. जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, पेजावर मठ, उडुपी।
4. युगपुरुष परमानंद जी महाराज, हरिद्वार।
5. स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज, पुणे।
6. डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर, अयोध्या।
7. श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य)।
8. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।
9. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।

10. महंत दिनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या बैठक, अयोध्या (निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधि), जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 805(4) के निर्देशानुसार ट्रस्टी होगा।

11. केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।

12. राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।

13. अयोध्या जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, जो कि सरकार के पूर्व कर्मचारी और हिंदू धर्म के होंगे को भी ट्रस्टी बनाया जाएगा। अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे।

14. राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा। उनका हिंदू होना जरूरी है, साथ ही वे पूर्व कर्मचारी रह चुके हों।

डेस्क



No comments