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कोरोना के इलाज में भारत को मिल सकती है बड़ी सफलता, इस दवा का तीसरे चरण का ट्रायल होगा शुरू




   
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इलाज के लिए लगातार अलग-अलग शोध किए जा रहे हैं ताकि इसकी दवा को इजाद किया जा सके और मरीजों को इलाज में मदद मिले। इसी कड़ी में भारत ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल की ओर से कहा गया है कि वह यह तीसरे चरण का ट्रायल है जिसे वह भारत में शुरू करने जा रहा है। इस तीसरे चरण के ट्रायल में दो एंटीवायरल दवा फाविपिरावीर और यूमीफिरोवीर के मिश्रण का प्रयोग मरीजों पर किया जाएगा। शोध में कहा गया है कि इस ट्रायल को 158 अस्पताल के मरीजों पर किया जाएगा, जिनके भीतर कोरोना के हल्के लक्षण हैं।
ग्लेनमार्क पहली फार्मास्युटिकल कंपनी है जिसे डीजीसीआई की ओर से देश में दवा के ट्रायल की अनुमति दी गई है। ग्लेनमार्क की ओर से कहा गया है कि उसे ट्रायल की अनुमति मिल गई है। मुंबई स्थित कंपनी दोनों दवाओं के मिश्रण का ट्रायल मरीजों पर अपनी रणनीति के तहत करेगी। इस एंटीवायरल दवा के काम करने का अलग-अलग तरीका है। कंपनी की ओर से मंगलवार को कहा गया है कि दोनों दवाएं जिनके ट्रायल की इजाजत मिली है उसमे मरीजों को शुरुआती चरण पर दवा दी जाएगी और उनपर दवा के असर को ट्रैक किया जाएगा।
कंपनी का मानना है कि दोनों एंटीवायरल दवाओं का मिश्रण बेहतर क्लीनिकल परिणाम दे सकता है, साथ ही यह दवा मरीज के भीतर इस वायरस से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकता है या फिर वायरस के असर को धीमा कर सकता है। ग्लेनमार्क कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर मोनिका टंडन का कहना है कि यह दवा काफी सुरक्षित है और यह दवा कोरोना के मरीजों का इलाज करने में अहम साबित होगी, यह भारत में काफी असरकारी और सुरक्षित दवा साबित हो सकती है।
बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस दवा का ट्रायल मरीजों पर सफल होता है। जिस तरह से देश में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं, वह देश के लिए बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। अबतक देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या तकरीबन डेढ़ लाख हो चुकी है। तमाम कोशिशों के बाद भी संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में अगर इस दवा का ट्रायल सफल होता है तो देश के लिए बड़ी कामयाबी होगी।


डेस्क

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