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टिड्डी दल के प्रवेश को लेकर कृषि विभाग अलर्ट, बनाया कंट्रोल रूम



किसानों के लिए सीडीओ ने जारी की एडवाइजरी

बलिया: राजस्थान के सीमावर्ती जिलों से टिड्डी दल के प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए कृषि विभाग मुस्तैद है। इसको लेकर कंट्रोल रूम की स्थापना कर ली गई है, जिसमें जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रिया नंदा (9795340568), तकनीकी सहायक हरेंद्र कुमार मौर्य (8896710262 और देवेश आनंद सिंह (9598725565) लगाए गए हैं।

मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने जनपद के किसान भाइयों को इसके नियंत्रण के कुछ ठोस उपाय बताए हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल के यांत्रिक नियंत्रण के लिए धुंवा करना, ढोल, नगाड़े, ड्रम, डीजे आदि बजाकर शोर मचाने से इस कीट को पेड़ों एवं फसलों पर बैठने से रोका जा सकता है। इसी प्रकार रासायनिक नियंत्रण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मेलाथियान 5 प्रतिशत धूल 25 किग्रा, फ़्रनवेल रेट 4 प्रतिशत धूल 25 किग्रा, क्लोरपिरिफास 10 प्रतिशत धूल 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बुरकाव कराएं।

 क्लोरपिरिफास 20 प्रतिशत ईसी की 1.25 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे कराएं। क्लोरपिरिफास 50 प्रतिशत और साइपरमैथरीन 5 प्रतिशत ईसी 500 एमएल को 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें। lemdacymethrin 5 लीटर को 500 लीटर पानी मे घोल बनाकर स्प्रे कराएं। टिड्डी दल के प्रभावी नियंत्रण के लिए मेलाथियान 96% यूएलवी का छिड़काव अत्यंत प्रभावी है लेकिन यह रसायन आम जनता को उपलब्ध नहीं होता है, इसलिए इसका प्रयोग संभव नहीं है। यह रसायन किड नियंत्रण संबंधी सरकारी तंत्र को उपलब्ध हो सकता है। रसायन के छिड़काव के लिए उपयुक्त समय रात्रि 11 बजे से सुबह 8 बजे तक होता है।

टिड्डी दल का आक्रमण हो तो ऐसा करें

सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में लोकस्ट कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन फरीदाबाद को www.ppqs.gov.in अथवा केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ के फोन नंबर 05222732063 एवं ipmup12@nic.in अथवा कृषि निदेशालय के कंट्रोल रूम जीरो 05222205867 पर सूचित करें।




रिपोर्ट : धीरज सिंह

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