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जर्जर भवनों में चल रही साधन सहकारी समितियां, विनोवा भावें ने किया था स्थापना




रतसर (बलिया) किसानों को समय से खाद और बीज उपलब्ध कराने के लिए स्थापित साधन सहकारी समितियों की स्थिति खराब है। क्षेत्र के कई साधन सहकारी समितियों के भवन जर्जर हो चुके है। जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों में खाद और बीज सुरक्षित रखना कठिन हो गया है। इससे कर्मचारी और किसान सभी परेशान है। किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए हर न्याय पंचायतों में पांच दशक पूर्व साधन सहकारी समितियों के भवनों का निर्माण कराया गया था। वहीं गड़वार विकास खण्ड के नूरपुर ग्राम सभा में आचार्य विनोवा भावे ने  1952 में साधन सहकारी समिति की स्थापना की थी। तथा किसानों की परेशानियों को देखते हुए तत्कालीन चेयरमैन दिग्विजय सिंह ने 4 नवम्बर 1992 को साधन सहकारी समिति में सहकारी मिनी बैंक की स्थापना की थी।1 रख-रखाव न होने से वर्तमान में ये भवन जर्जर हालत में पहुंच गए है। बरसात में तो छ्त से पानी टपकने के कारण सचिव व अन्य कर्मचारियों को काफी दुर्दशा झेलनी पड़ती है। सुरक्षित रख-रखाव की व्यवस्था नही होने से समय से पूर्व मिल रहे खाद की उठान करने से भी समितियों के सचिव कतराने लगे है। इससे किसानों को समस्या झेलनी पड़ती है। इस सम्बन्ध में समिति के सचिव रविन्द्र मौर्या ने बताया कि भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण बरसात के दिनों में बहुत मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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