परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत जरूरी : एसीएमओ डॉ वीरेंद्र कुमार
21 नवंबर से 4 दिसंबर तक चला पुरुष नसबंदी पखवाड़ा
116 महिलाओं ने करायी नसंबदी
बलिया, 19 दिसंबर 2020 परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरूष नसबंदी पखवाड़ा 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलाया गया। अभियान में जिले में 116 इच्छुक महिलाओं की नसबंदी विशेषज्ञ डाक्टरों ने की। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दी। उन्होने कहा कि खुशहाल परिवार के लिए पुरूषों की अहम भागीदारी होनी चाहिए । समुदाय में पुरुष नसबंदी के प्रति उनका व्यवहार परिवर्तन बहुत जरूरी है ।
डॉ वीरेंद्र ने बताया कि जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के तहत प्रथम चरण में दम्पति संपर्क अभियान 27 नवंबर तक चलाया गया जिसमें दंपति से संपर्क कर परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में आशा कार्यकर्ताओं ने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। अभियान में नसबंदी के लिए सिर्फ महिलाएं ही आगे आईं जिसमें 116 इच्छुक महिलाओं की नसबंदी की गई। स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपस्थित चिकित्सकों ने केन्द्र पर आने वाले लोगों को परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को अपनाने का परामर्श दिया।
उन्होंने बताया कि पखवाड़े के अंतर्गत 18 लाभार्थियों को अंतरा लगाया गया, 4 महिलाओं को आई यू सी डी, 29 को पी पी आई यू सी डी, 188 माला एन, 10080 कंडोम तथा 240 छाया गोली का निःशुल्क वितरण कर लोगों को लाभान्वित किया गया ।
पुरुष नसबंदी की प्रमुख विशेषताएं :-
1- नसबंदी केवल उन्हीं के लिए उपयुक्त है जिनके दो बच्चे होने पर भविष्य में एक और बच्चे की इच्छा न हो ।
2- नसबंदी सरल सुरक्षित और बहुत ही असरदार तरीका है।
3- बिना चीरा टांका वाला पुरूष नसबंदी एक छोटा सा आपरेशन है।
4- इसमें दोनों शुक्राणुओं की नलिकाओं को बांध दिया जाता है।
5- कुछ ही मिनटों में हो जाता है।
6- इसमें कोई गंभीर शिकायत या परेशानी नहीं होती है।
7- पुरुष नसबंदी के बाद यौन इच्छा व क्षमता पहले की तरह ही रहती है।
8- लाभार्थी को प्रतिपूर्ति राशि भी दी जाती है।
रिपोर्ट धीरज सिंह
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