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108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान सैकड़ों लोगों ने लिया गायत्री मंत्र का दिक्षा

 


बलिया। महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर सोमवार को 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान सैकड़ों लोगों ने परम पूज्य गुरुदेव पं.श्रीराम शर्मा के शिष्य बने।उनके प्रतिनिधि के रुप में  हरिद्वार से आये आचार्य सुरेन्द्र सिंह ने सबको गायत्री मंत्र का दिक्षा दिलाया।  

उन्होंने कहा कि संघे शक्ति कलयुगे सभी लोग इकट्ठा रहे इसी लिए गुरुदेव ने गायत्री परिवार बनाया है, एक लकड़ी को आसानी से तोड़ा जा सकता है लेकिन चार संगठित होकर रहे तो तोड़ना संभव नहीं है।

भगवान ने बताया है कि तीन चीज दुर्लभ मनुष्य का देह होना चाहिए, भगवान के लिए मनुष्य राजकुमार है,अच्छे मार्गों व कार्यों के द्वारा ही मोक्ष मिलता है

महापुरुष (गुरुदेव) का आश्रय गुरु कृपा व सानिध्य जरुरी है।गुरु वरण करने का समय युवा अवस्था होता है। आग से खाना भी बनता है और घर भी जल जाता है।आग से क्या करना है यह गुरु ही बताते है।  सद्गुरु ही गायत्री महामंत्र की दिक्षा दे सकते हैं ।जो हम नहीं जानते वह चमत्कार होता,हर समय गुरु सत्ता हमारे साथ रहती हैं, आस्था की जरुरत है।तभी कोई चमत्कार हो सकता है।गायत्री मंत्र की दिक्षा ज्ञानी ही दे सकते है,पूज्य गुरुदेव ने गायत्री मंत्र सभी जाति धर्मों के लिए सुलभ किया है।


विद्वान आचार्यो को अंगवस्त्र देकर किया गया सम्मानित 


बलिया।शान्तिकुन्ज हरिद्वार से आये विद्वान आचार्यो को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।उसके बाद आचार्य सुरेंद्र सिंह ने यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद सभी 24 विभागों के प्रमुख प्रभारियों, सांस्कृतिक कार्यक्रम के बच्चों, आदि को तिलक लगाकर व माला पहनाकर सम्मानित किया।शक्तिपीठ प्रमुख विजेंदर नाथ चौबे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पादुका सेवा में लगे भाइयों, नगरपालिका के चेयरमैन व ईयो,जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन,जिले के सभी मीडियाकर्मियों को आभार व मंगल कामना की।


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने लगाया पादुका सेवा का स्टाल


बलिया।महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर एक जनवरी से चल रहे 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने पादुका सेवा का स्टाल लगाया था।जिससे यज्ञ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए श्रद्धालुओं का चप्पल-जुता उठाकर झोले में स्वयं रखते और जाते समय टोकन लेकर चप्पल-जुता वापस देते यह पूरी तरह निःशुल्क था। जिससे श्रधालुओं को का सुगमता मिला।जिला प्रचार प्रमुख मारुति नंदन तिवारी ने बताया कि जिला प्रचारक सत्येंद्र जी के निर्देश पर पादुका सेवा स्थापित किया गया है।जिसमें बारी-बारी विभाग संपर्क प्रमुख मणिराम मिश्र, जिला कार्यवाह हरनाम जी, जिला प्रचार प्रमुख मारुति नंदन तिवारी,जिला सेवा प्रमुख डा.संतोष तिवारी आदि चार दिन से लगातार यह काम कर रहे हैं।यज्ञ के दौरान सैकड़ों पादुकाएं प्रतिदिन जमा हुई और वापस हुई।



शक्तिपीठ पर दीक्षा संस्कार

बलिया।शक्तिपीठ पर दीक्षा संस्कार के दौरान शान्तिकुञ्ज हरिद्वार से आये दूसरे वक्ता प्रेम चंद्र प्रजापति ने कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन शुरु नहीं।जन्म लेने से जीवन शुरु नहीं होता। हजारों रुपये के मोबाइल खरीद ले पैसा भी डलवा ले लेकिन जब तक वह प्रतिदिन चार्ज नहीं होगा तब तक वह बेकार की स्थिति में है। उसी तरह कहीं भी बैठ कर गुरु का ध्यान करें,गुरु से कनेक्शन जरुरी है।मनुष्य का मस्तिष्क विचारों का विश्वविद्यालय है।लेकिन उसे निरंतर चार्ज करने की जरुरत है जो गुरु ही करता है।रेडियो, टीवी कितना ही महंगा क्यों न हो, जब तक नेटवर्क नहीं रहेगा वह किसी काम का नहीं। भगवान सूर्य मनुष्य का ट्रांसमीटर है इस लिए भगवान सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पण करना चाहिए।खुदा और खुद के कैमरे से कोई नहीं बच सकता इसलिए सतकर्म करें।




रिपोर्ट धीरज सिंह


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