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जाने कहा प्रभु के बाल स्वरूप की हुई चर्चा


दुबहर, बलिया : क्षेत्र के कछुआ रामपुर गांव स्थित कोयला वीर बाबा के प्रांगण में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सेवा समिति के तत्वाधान में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान रविवार के दिन प्रवचनकर्ता साध्वी सीता सहचरी जी ने भगवान राम जन्मोत्सव व बाल रूप का प्रसंग सुनाया। मुख्य रूप से पुरोहित  अशोक कुमार पांडे की देखरेख में  यज्ञ पूजन हुआ । प्रभु की बाल लीला का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार माता कौशल्या ने श्री रामचन्द्रजी को स्नान कराया और श्रृंगार करके पालने में बैठा दिया। फिर अपने कुल के इष्टदेव का पूजा करके नैवेद्य चढ़ाया और स्वयं वहां गई, जहां रसोई बनाई। 




फिर माता पूजा के स्थान पर लौट आई और वहां आने पर पुत्र को भोजन करते देखा कर भयभीत होकर पुत्र के पास गई, तो वहां बालक को सोया हुआ देखा। वह सोचने लगी कि यहां और वहां मैंने दो बालक देखे।  प्रभु श्री रामचन्द्रजी माता को घबराया हुआ देखकर मधुर मुस्कान से हंस दिए उन्होंने माता को अपना अखंड अद्भूत रूप दिखलाया, जिसके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्माण्ड लगे हुए हैं माता का शरीर पुलकित हो गया, मुख से वचन नहीं निकाल रहा था तब आँखें मूंदकर उसने रामचन्द्रजी के चरणों में सिर नवाया। माता को आश्चर्यचकित देखकर भगवान श्री राम  फिर बाल रूप धारण कर लिए। मौके पर मोहन जी यादव, अर्जुन यादव, छात्र नेता राधेश्याम यादव, गोलू यादव,राज रूप साहनी,मोहन यादव, उपेंद्र यादव, जितेंद्र यादव, भीम यादव, उमाशंकर यादव ,नरेंद्र साहनी, प्रमोद साहनी, आदि लोग मौजूद रहे।


रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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