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मुकदमों के भार को कम करने के लिए लोक अदालत जरूरी: प्रशासनिक न्यायमूर्ति


रिपोर्ट : धीरज सिंह


- *दीवानी न्यायालय में लोक अदालत का किया शुभारंभ*


*मुकदमों के बोझ से नहीं मिल पाता है समय से न्याय*


बलिया: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जनपद न्यायालय परिसर के केंद्रीय सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को हुआ। हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज अजीत कुमार ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर इसका शुभारंभ किया।


इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जिले के न्यायालयों में मुकदमों की संख्या इस कदर बढ़ गयी है कि लोगों को समय से न्याय मिलने में दिक्कत आती है है। सबसे बड़ी बात कि सिविल के मुकदमों में स्थायी स्थगन आदेश नहीं मिल पाता है। ऐसे में वादकरियों को न्याय से भरोसा उठ रहा है। लोगों को सुविधाजनक तरीके से न्याय दिलाने के लिए ही लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने पीठासीन न्यायिक अधिकारियों से निर्भीक होकर कार्य करने को कहा। यह भी कहा कि जो फौजदारी के जमानत हाईकोर्ट तक पहुंचते है, उनमें से अधिकांश मामलों में जमानत दी जा सकती है। यहां न्याय की मंशा को समझने की जरूरत है। 


*बलिया महापुरुषों की धरती, यहां काम करना गर्व की बात*


प्रशासनिक जज अजीत कुमार कहा कि बलिया जनपद महापुरुषों की धरती है। यहां पर कार्य करना आप न्यायिक अधिकारियों के लिए गर्व की बात है। इस मौके पर जिला जज आलोक कुमार त्रिवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार जताया। संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव सर्वेश कुमार मिश्र ने किया।

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*तीन जोड़े साथ-साथ विदा*


बलिया: परिवार न्यायालय परिसर में हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजीत कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दम्पत्ति विवाद का निपटारा करा कर तीन दम्पत्तियों को विदा किया गया। उन्होंने कहा कि आप लोग जिस तरह से यहां खुश हैं, पूरी जिंदगी में खुशी-खुशी साथ-साथ रहें। इस मौके पर जिला जज आलोक कुमार त्रिवेदी, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्रद्धा तिवारी, परामर्शदाता नूतन श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार पांडेय, आशीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।


*फौजदारी एवं सिविल मामलों के निस्तारण का विवरण*


1- श्री दिनेश कुमार मिश्रा, अपर जनपद न्यायाधीश कोर्ट सं0- 03 - सिविल वाद - 01

2- हुसैन अहमद अंसारी, विशेष न्यायाधीश (ई0सी0एक्ट)/ अपर जनपद न्यायाधीश - फौजदारी - 01  अर्थदण्ड -500/-, विद्युत अधिनियम वाद - 25 अर्थदण्ड - 5000/-

3- श्री शिव कुमार-द्वितीय, अपर जनपद न्यायाधीश कोर्ट सं0- 8 (पाक्सोएक्ट) - फौजदारी वाद - 01

4- श्री नितिन कुमार ठाकुर, अपर जनपद न्यायाधीश कोर्ट सं0 7 (एन.डी.पी.एस. एक्ट) - सिविल वाद - 01 

5- श्री ओमप्रकाश, अपर जनपद न्यायाधीश/एफ.टी.सी. प्रथम - फौजदारी वाद - 02

6- श्री विनोद कुमार, अपर जनपद न्यायाधीश/एफ.टी.सी. तृतीय - फौजदारी- 01 वाद, अर्थदण्ड 500/-

7- श्री सुरेन्द्र प्रसाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बलिया - फौजदारी वाद - 423, अर्थदण्ड 207420/-

8- श्री अविनाश कुमार मिश्रा, सिविल जज (जू0डि0) पूर्वी - सिविल वाद - 19

9- श्री राहूल आनन्द, न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम- फौजदारी- 351 वाद, अर्थदण्ड 10,500/-

10- श्री अरूण कुमार गुप्ता, सिविल जज (जू0डि0) पश्चिम- सिविल वाद - 06

11- श्री राजीव रंजन मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय - फौजदारी- 117 वाद, अर्थदण्ड 16300/-

12- श्री धमेन्द्र कुमार भारती, सिविल जज (जू0डि0)/एफ.टी.सी. द्वितीय - फौजदारी वाद -70 अर्थदण्ड 690/-

13-  सुश्री शशि किरन, सिविल जज (जू0डि0)/एफ.टी.सी. प्रथम - फौजदारी वाद - 07 अर्थदण्ड 4900/-   -------------------------------

योग- 1025 वाद,  2,45,810/- अर्थदण्ड


*परिवारिक न्यायालयों द्वारा मामलों का निस्तारण का विवरण*


16- श्री सत्य प्रकाश त्रिपाठी, माननीय प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, बलिया -             वैवाहिक वाद- 17

17-श्रीमती श्रद्धा तिवारी, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, बलिया - फौजदारी-03, वैवाहिक वाद-01 


*मोटर क्लेम से सम्बन्धित मामलों के निस्तारण का विवरण*


18- मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के बद्री विशाल पाण्डेय की कोर्ट में मोटर क्लेम के 22 मामलों का निस्तारण कर प्रतिकर धनराशि - 72,58,000


19- राजस्व विभाग द्वारा निस्तारित किये कुल वादो की संख्या ---------------------- 894

20- उपभोक्ता फोरम द्वारा निस्तारित किये कुल वादो की संख्या ---------------------- 03

21- बैंक द्वारा निस्तारित किये प्री-लिटिगेशन कुल वादों की सं0---------------------- 774 वाद 

कुल समझौता धनराशि ------------------धनराशि 5,01,88,654/-

               मौके पर तत्काल वसूल की गयी नकद धनराशि -----  1,52,24,692/-

22- दूर संचार विभाग द्वारा निस्तारित किये प्री-लिटिगेशन वादों की सं0....20 वाद- वसूल की गयी नकद             धनराशि 80,551/-

                 

      *सम्पूर्ण योग- 2759 वाद निस्तारित*

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