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बच्चों व गर्भवती को बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी


 

- मिशन इन्द्र धनुष के तहत नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण 

बलिया, 18 फरवरी 2022

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० नीरज कुमार पाण्डेय ने बताया कि   प्रदेश में सघन मिशन इंद्रधनुष-4.0 अभियान तीन चरणों में चलेगा। इस सम्बंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर सघन मिशन इंद्रधनुष-4.0 अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। 

 डॉ. पाण्डेय ने बताया कि  इस विशेष अभियान के अंतर्गत सात प्रकार की बीमारियों से बचाव  के लिए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण किया जायेगा। मिशन इंद्रधनुष अभियान तीन चरणों मे चलेगा। पहला चरण सात मार्च से, दूसरा चरण चार अप्रैल से और तीसरा चरण दो मई से शुरू होगा। अभियान को सफल बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि  सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 के बारे में राज्य स्तरीय संवेदीकरण 18 फरवरी को होगा। उसके बाद जनपद स्तरीय संवेदीकरण एवं ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण का कार्य 19 से 23 फरवरी तक किया जाएगा। छूटे बच्चों और गर्भवती  को चिन्हित करने के लिए 24 से 26 फरवरी तक सर्वे किया जाएगा। नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती को चिन्हित करने के बाद माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। तीन मार्च को जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में माइक्रोप्लान की समीक्षा की जाएगी। जिला स्वास्थ्य समिति की स्वीकृति के बाद चार मार्च को माइक्रोप्लान शासन को भेजा जाएगा, जहां पांच मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा के बाद सात मार्च से जनपद में सघन मिशन इंद्र धनुष-4.0 अभियान का पहला चरण शुरू होगा। मतगणना के चलते 10 मार्च को अभियान स्थगित रहेगा।

 *क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष :* 

यह एक विशेष टीकाकरण अभियान है। इस अभियान के दौरान नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती तक पहुंचकर उनको सात बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिरक्षित किया जाता है। इस अभियान की शुरुआत भारत सरकार ने 25 दिसम्बर, 2014 को सुशासन दिवस के अवसर पर की थी। इस अभियान के अंतर्गत सात खतरनाक बीमारियों तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस-बी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस और खसरा से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं । इंद्रधुनष के साथ रंगों के आधार पर ही इस अभियान को सघन मिशन इंद्रधनुष का नाम दिया गया है।


रिपोर्ट - त्रयंबक नारायण देव गांधी

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