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बलिया में लगने जा रहा है आस्था का महाकुंभ, जुटेंगे देश विदेश के संत धर्माचार्य



दुबहर। जनेश्वर मिश्रा सेतु के निकट एनएच 31 स्थित जनाड़ी तिराहे पर लक्ष्मीप्रपन्न श्री जियर स्वामी जी महाराज द्वारा आयोजित चतुर्मास यज्ञ सह श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की तैयारियां अंतिम चरण में है। 04 अक्टूबर को कलश जल यात्रा आयोजित है। जिसका रूट महायज्ञ आयोजन समिति तथा प्रशासन की बैठक में निर्धारित कर आमजन के सूचनार्थ सार्वजनिक कर दिया गया है। श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में अपनी सहभागिता दर्ज कराने काफी संख्या में प्रसिद्ध साधु-संत, महात्मा, कथावाचक, श्रद्धालु एवं भक्तगण झारखंड, बिहार सहित भारत के अन्य राज्यों से आना शुरु कर दिए हैं। बाहर से आने वाले संत-महात्माओं, आचार्यों एवं अतिथियों के लिए आवास, कुटिया एवं भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था की गई है। साधु-संतों, श्रद्धालुओं एवं भक्तोंगणों की सेवा-सुश्रुषा में आसपास के क्षेत्रीय गांवों के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ एवं परोपकारी भाव से तत्पर हैं। 11 तल्ला मुख्य यज्ञ मंडप के साथ कुल 128 यज्ञ मंडप प्रयागराज, बिहार सहित स्थानीय कारीगरों के सहयोग से बनाए गए हैं। 04 अक्टूबर से 09 अक्टूबर तक चलने वाले श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के मुख्य यज्ञ मंडप के 176 हवन कुंड एवं अतिरिक्त 128 हवन कुंडों में एक बार में एक साथ 1216 से  अधिक यजमान एक साथ बैठकर विश्व कल्याणार्थ तथा भारत को समृद्ध बनाने हेतु आहुति देंगे। इसके अतिरिक्त एक एक हवन कुंड पर एक-एक निपुण आचार्य पुरोहित के देखरेख में यज्ञ का संचालन होगा। जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के पश्चिमी तरफ भव्य पंडाल में स्वामी जी का प्रवचन चल रहा है। प्रवचन श्रवण हेतु गंगा उस पार तथा इस पार के विभिन्न गांवों से महिला तथा पुरुष श्रद्धालु विगत चार महीने से  काफी संख्या में जुट रहे हैं। सड़क के पूर्वी तरफ भव्य तरीके से बनाया गया 128 यज्ञ मंडप का समूह है। जो दूर से ही काफी अध्यात्मिक एवं भव्य दिखाई दे रहा है। श्री लक्ष्मीप्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज के दर्शन एवं अपने मंगल कामना हेतु बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि सहित भारत के कोने कोने से काफी संख्या में भक्तगण आ रहे हैं। यज्ञ समिति की तरफ से प्रसाद की भव्य व्यवस्था की गई है। दूर-दूर तक साफ सफाई की गई है। पूरा क्षेत्र नैमिषारण्य प्रतीत हो रहा है। 04 अक्टूबर को होने वाले कलश जल यात्रा के लिए यज्ञ समिति तथा प्रशासन के सहयोग से काफी भव्य तरीके से तैयारियां की गई है। जिसमें भाग लेने के लिए हजारों की संख्या में महिला तथा पुरुष श्रद्धालु अपने-अपने स्तर से तैयारियां कर रहे हैं। श्री स्वामी जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का कई जन्मों का पुण्य ईकट्ठा होता है तब ऐसे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है। जो मनुष्य श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में भाग लेता है, उसके सभी जन्मों के पाप कट जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि केवल यज्ञ मंडप में पूजा-अर्चना करना ही यज्ञ में हिस्सा लेना नहीं होता। बल्कि जो यज्ञ में सेवा भाव से दिन-रात लगकर परिश्रम एवं व्यवस्था करते हैं, इन सभी को यज्ञ का अक्षय पुण्य एवं ईश्वर के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।


रिपोर्ट:-  नितेश पाठक

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