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माता कात्यायनी देवी मंदिर बनरही : यहां दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु,होती है हर मनोकामना पूरी




गड़वार (बलिया) बलिया-गड़वार मार्ग पर बनरही स्थित मां कात्यायनी मंदिर जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में से एक है। जो देवी दुर्गा के छठे स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केन्द्र है। मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक छटा की आभा बिखरी हुई है। इस मंदिर की स्थापना सन् 1994 में हुई थी। यह मंदिर दिल्ली के छतरपुर मंदिर जो देश का सबसे बड़ा कात्यायनी शक्तिपीठ है उससे जोड़कर देखा जाता है। यहां पर दूर दराज से भक्त दर्शन करने आते रहते है। मंदिर परिसर की देख रेख मां कात्यायनी सेवा समिति द्वारा की जाती है। मंदिर के प्रधान पुजारी पं०बैकुंठ पाण्डेय ने बताया कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक स्वरूप जो मां कात्यायनी है। जिला मुख्यालय से चार किमी दूर गड़वार रोड पर स्थित बनरही इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित है। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु  कात्यायनी देवी की इस मंदिर पर ज्योति कलश स्थापित करते है। पुजारी बैकुंठ पाण्डेय ने बताया कि शादी-विवाह, संतान और कुंडली दोष दूर करने के लिए भक्त नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर मन्नत लेकर यहां आते है। पूजा के बाद कात्यायनी देवी की मूर्ति का श्रृंगार कराते है। मनोकामना पूरी होने पर वह नवरात्रि में यहां आते है और मंदिर में ज्योति कलश स्थापित करते है। नवरात्रि के दिनों में भक्तों का रेला लग जाता है। आस्था का केन्द्र मां कात्यायनी के दर्शन के लिए जयपुर,नोयडा, लखनऊ,दिल्ली, गुड़गांव से श्रद्धालु नवरात्रि के दिनों में आते है। नवरात्रि के दिनों में प्रतिदिन भजन, कीर्तन एवं प्रवचन का कार्यक्रम होता है। वहीं दशमी के दिन मंगलवार को पूर्णाहुति एवं भव्य भण्डारे का आयोजन किया गया है।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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