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कलियुग में हरिनाम से ही मनुष्य का कल्याण संभव : आलोक जी महाराज




गड़वार (बलिया) कस्बा क्षेत्र के झंगही गांव में चल रही श्री मद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक भागवत भाष्कर आलोक जी महाराज ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भागवत कथा विचार,वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मनुष्य को पुण्य तो सीधे होते है,परन्तु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरि नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। जबकि सतयुग,द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नही था। आलोक जी महाराज के मुखारविंद से बाल लीला का वर्णन सुनकर श्रद्धालु आत्मविभोर हो उठे। कथा के क्रम में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकी सजाई गई थी। कृष्ण-सुदामा चरित के रूपांतरण नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से श्रद्धालु गण भावविभोर हो उठे। कथा पंडाल में उपस्थित महिलाएं अपने आपको थिरकने से रोक नही पाई। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में नन्हें कलाकारों के साथ भाव भंगिमाओं पर झूमती महिलाओं ने खूब आनंद उठाया। इस दौरान मुख्य यजमान ने छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया और महा प्रसाद का वितरण किया गया। इसके पूर्व यज्ञाचार्य पं० शुभम शास्त्री एवं पं०अतुल जी द्वारा विधि-विधान से पूजन कराया गया। यजमान विजय शंकर तिवारी सपत्नीक सहित कृपाशंकर तिवारी,जितेन्द्र तिवारी,अनिल कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से कथा श्रवण की।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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