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श्रद्धांजलि : 1971 के भारत- पाक युद्ध में मोर्चा संभालने वाले वीर चक्र विजेता कैप्टन भृगृनाथ सिंह को दी सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई




रतसर (बलिया) 1971 भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेना के अदम्य साहस और युद्ध पराक्रम से देश को ऐतिहासिक विजय मिली थी। इस युद्ध में साहस का प्रदर्शन कर पूरे देश को गौरवान्वित करने वाले वीर चक्र से सम्मानित कैप्टन भृगुनाथ सिंह का निधन 90 साल की आयु में शनिवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनके आवास पर हो गया। जिन्हें सोमवार दोपहर बाद उनके गांव खेजुरी थाना क्षेत्र के रकसा डैनिया गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर दिया गया।1971 के भारत- पाक युद्ध में भृगुनाथ सिंह के अदम्य साहस व युद्ध पराक्रम के लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति बी.बी गिरि ने अपने हाथों से वीर चक्र से सम्मानित किया था। उनका शव पैतृक गांव पकड़ी थाना क्षेत्र के रकसा डैनिया पहुंचने पर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई एवं श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। बताते चलें कि कैप्टन भृगुनाथ सिंह किसान महाविद्यालय रकसा,रतसर के संस्थापक सदस्य थे। सेवानिवृत्त के बाद मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आवास बनाकर रहते थे।उनके तीन पुत्र है।बड़ा पुत्र शिवमंगल सिंह मध्यप्रदेश ग्वालियर के हजीरा थाने में इंस्पेक्टर है,दूसरे पुत्र राधेश्याम आर्मी में एवं तीसरे पुत्र सत्येन्द्र सिंह उर्फ कृष्णा सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात है। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। सोमवार को किसान महाविद्यालय रकसा के प्रबंधक लल्लन सिंह ने महाविद्यालय में शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक सभा में डीएस आफ ग्रुप्स के प्रबन्धक राजेन्द्र प्रसाद सिंह,एडवोकेट रविशंकर सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं चीफ आफ आर्मी सर्विसेज बलिया के सदस्यों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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