बलिया की अदालत ने नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये से किया दण्डित
बलिया : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 8 प्रथम कांत की अदालत ने नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए दोषी करार देते हुए अपचारी अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं 25,000/- (पच्चीस हजार ) रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
अपचारी अभियुक्त के खिलाफ थाना चितबड़ागांव पर मु0अ0सं0- 107/20 धारा 302,201,377 भा0द0वि0 व 5(M)/6, 5(R)/6 पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित प्रकरण का दर्ज था। जिसमें में अपचारी अभियुक्त "X" के मामले का विचारण न्यायालय में चल रहा था। जिसमें न्यायालय ने अभियोजन के तरफ से प्रस्तुत समस्त साक्षयो का सम्यक अवलोकन और प्रशिलन करने के पश्चात अभियोजन के तरफ से राकेश कुमार पांडे विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के उपरांत न्यायालय ने अपचारि अभीयुक्त के खिलाफ दोष सिद्ध पाए हुए निम्न सजा सुनाई
धारा- 302 भा0द0वि0 में दोषसिद्द पाते हुये अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं 10,000/- (दस हजार) रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड न अदा करने पर अभियुक्त को 06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।*
*धारा- 201 भा0द0वि0 में दोषसिद्द पाते हुये अभियुक्त को 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5,000/-(पांच हजार) रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड न अदा करने पर अभियुक्त को 03 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।*
*धारा- 6 पाक्सो एक्ट में दोषसिद्द पाते हुये अभियुक्त को 25 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000/-(दस हजार) रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड न अदा करने पर अभियुक्त को 06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।
By- Dhiraj Singh
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