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मनुष्य के भौतिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए शिक्षा अति आवश्यक : संत बालक दास

 




गड़वार (बलिया) बलिया गड़वार रोड पर स्थित सनातन कात्यायनी शक्तिपीठ बनरही में विगत 9 अप्रैल से चल रहे जन कल्याणार्थ शांति हेतु नवचंडी यज्ञ एवं असुर संहारक माता महिषासुर मर्दिनी का प्रादुर्भाव "प्राण प्रतिष्ठा"समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भजन व मंगलगीत के साथ ही गुरु पादुका स्त्रोतम,गुरुमंत्र, माल्यार्पण व अंगवस्त्र देकर स्वामी श्री रामभद्र करपात्री संत बालक दास जी महाराज,अनिल दास जी महाराज एवं श्री रामदरश जी को आसन पर विराजमान कराया गया। मंच से श्रद्धालुओं को अपने संबोधन में संत बालक दास जी ने बताया कि गलत अवधारणा, अज्ञान,अपने द्वारा मन में उपजी गलत परंपराओं के निर्वहन से समाज में  कुरीतियों व मतभेदों से हमेशा मनुष्य के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे समाज व देश का अहित होता है। आपसी प्रेम,सौहार्द्रता के साथ साथ मानव जाति का पतन होता है। उन्होंने कहा कि अपने शास्त्रों,वेदों,पुराणों का अध्ययन व नियमों का पालन कर समाज को सशक्त व उत्थान की ओर ले जाना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ियों को धर्म का ज्ञान प्राप्त हो सके। ऐसी व्यवस्था की पहल हमें स्वयं करनी चाहिए। मनुष्य के भौतिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। सन्त समागम कार्यक्रम के बाद नित्य की तरह सायंकाल प्रवचन कर्ता श्री बालानंद उपाध्याय जी ने अपने प्रवचन में कहा कि श्रीराम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है, भगवान राम के चरित्र का अनुसरण करने का प्रयास करें तो निश्चित ही हमारे जीवन में परिवर्तन आएगा। वहीं मंगलवार को भव्य आरती के साथ प्रसाद वितरण कर संतों को विदा किया गया गया। मंदिर के प्रधान पुजारी पं० बैकुंठ पाण्डेय ने बताया कि बुधवार को भव्य भंडारे का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर आचार्य अशोक मिश्रा,प्रधान रामजी यादव,प्रदीप कुमार,अजय कुमार,राजेश कुमार,कामाख्या गुप्ता,अश्विनी गुप्ता,रामराज शर्मा,अनिल गुप्ता,संजय यादव,अश्विनी तिवारी,राम नारायण सिंह सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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