जिलाधिकारी ने की स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा
- *जिन कार्यक्रमों में खराब प्रगति मिली, शीघ्र सुधार लाने की दी चेतावनी*
बलियाः जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की विन्दुवार समीक्षा की। जिन कार्यक्रमों में खराब प्रगति मिली, सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी को शीघ्र सुधार लाने की चेतावनी दी। कहा कि सभी पोर्टल अपडेट रहे। कार्यक्रमवार हो रहे कार्य की मॉनिटरिंग उच्चाधिकारी करते रहें। टीकाकरण की खराब प्रगति एवं ड्यू लिस्ट अपडेट ना होने पर खास नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा कि औचक निरीक्षण में तमाम अस्पतालों पर डॉक्टर व स्टाफ गायब मिले थे। अब ऐसी स्थिति नहीं मिलनी चाहिए। पीएचसी-सीएचसी व उपकेंद्रों की व्यवस्था में जल्द सुधार लाने की आवश्यकता है। ओपीडी आदि में जिनकी जहां ड्यूटी है, वहां जरूर मौजूद रहें। मुख्यालय व सीएचसी पर इमरजेंसी तो हमेशा एलर्ट मोड पर होनी चहिए। सीटी स्कैन खराब हो तो शीघ्र बातचीत कर ठीक करा लिया जाए। अगस्त में अभियान के रूप में आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रगति में सुधार लाएं। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस में स्टेट रैंकिंग ठीक किया जाए। एसएनसीयू जो बच्चे इलाज के बाद घर जाते हैं, सम्बन्धित एमओवाईसी फॉलोअप जरूर करा लें। मलेरिया की जांच पर विशेष जोर दिया। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों की भी जानकारी ली। कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष दवा की उपलब्धता सुनिश्चित रखें।
जिलाधिकारी ने योजनावार बजट व उसके सापेक्ष हुए खर्च का विवरण मांगा। कहा कि टीकाकरण व अन्य कार्यक्रमों में कार्य हो रहा है तो एमआईएस पर डाटा फीडिंग भी कराकर अपडेट रखें। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस की समीक्षा के दौरान बेरूआरबारी के डाटा की पुनः क्रॉस चेकिंग कर रिपोर्ट देने का निर्देश सीएमओ को दिया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारण्टी योजना की समीक्षा के दौरान अगस्त का माइक्रोप्लान अभी तक एबीएसए व सीडीपीओ को नहीं भेजे जाने पर सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों पर नाराजगी जताई। कहा कि जिस टीम का कार्य खराब है, उनकी सूची दें। विद्यालयवार चेकअप की तिथि तय हो जाएगी तो उस दिन अधिक बच्चे उपस्थित रह सकेंगे।
*आशाओं का भुगतान समय से हो*
आशाओं के लम्बित भुगतान को लेकर जिलाधिकारी सख्त दिखे। कहा कि ग्राम स्तर पर कार्य करने वाली आशाओं का समय से शत प्रतिशत भुगतान होना चाहिए। किसी भी स्तर पर इनके भुगतान लम्बित होने की बात सामने आई तो सम्बन्धित की जवाबदेही तय होगी। सीएमओ से कहा कि सिर्फ निर्देश ही जारी नहीं करें, बल्कि उसका फॉलोअप भी करें। जननी सुरक्षा योजना के तहत होने वाले भुगतान की प्रगति भी 93 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
*तीन वर्ष से एक टेबल पर जमे कर्मियों की मांगी सूची*
जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जो कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही टेबल या सीएचसी-पीएचसी पर हो, ऐसे कर्मियों की सूची दें। यह भी कहा कि बैठक में जिम्मेदार लोग ही आएं, जो रिपोर्ट बता सकें। किसी सहायक को लेकर नहीं आएं। बैठक में सीडीओ ओजस्वी राज, सीएमओ डा वीपी द्विवेदी, डीपीएम आरबी यादव, सभी एमओवाईसी-बीपीएम सहित समिति के सदस्य मौजूद थे।
By- Dhiraj Singh
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