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पुल के बैरिकेडिंग से टकराकर युवक की मौके पर ही मौत

 


पटना : पुल के बैरिकेडिंग से टकराकर युवक की मौके पर ही मौत . बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के तीसीयाही गांव के खनुआ टोल के निकट डैमेज पुल के लोहे के बैरिकेडिंग से टकराकर एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि दो घायल बताए जा रहे हैं.

मृत युवक की पहचान बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के अंधरी दामोदरपुर गांव निवासी ललन दास के पुत्र संतोष दास (35) के रूप में हुई है. घटना के बाद बेनीपट्टी थाना व खिरहर थाना की पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जबकि घायलों को इलाज के मधुबनी भेज दिया. पुलिस घायलों की पहचान कर रही है. स्थानीय ग्रामीण कृष्ण कुमार ने बताया कि बाइक पर सवार होकर सभी उमगांव की ओर से बेनीपट्टी जा रहे थे. जहां डैमेज पुल के निकट बाइक सवार लोहे के बैरिकेडिंग से टकरा गए.

बाइक सवार का सिर धर से अलग हो गया और पीछे बैठे गंभीर रूप से घायल हो गए. खिरहर थानाध्यक्ष सुप्रिया कुमारी ने ़खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि बाइक पर तीन लोग सवार थे. एक की मौत हो गई है. दो घायल है.

मिथिला दीप हाल्ट पर चार माह से नहीं मिल रहा रेल टिकट

झंझारपुर जंक्शन से निर्मली रेल खंड में मिथिला दीप हाल्ट पर यात्रियों के लिए कोई टिकट नहीं कटती है. टिकट काउंटर बंद रहता है.

यह एक-दो दिन से नहीं बल्कि पिछले चार माह से लगातार जारी है. इस हाल्ट से यात्रा करने वाले लोग या तो बिना टिकट ही रेलवे की यात्रा करते हैं अथवा हाल्ट से ट्रेन ही पकड़ना छोड़ दिया. रेलवे की घोर लापरवाही से एक तरफ आम लोगों को भारी कठिनाई हो रही है तो दूसरी तरफ रेलवे के राजस्व की भी भारी क्षति हो रही. इस रूट में चार जोड़ी ट्रेन चलती है. सहरसा सुपौल से लेकर दरभंगा तक के यात्री मिथिला हाल्ट से ट्रेन में चढ़ते हैं. बिना टिकट के रेलवे में यात्रा करने से लोगों को हमेशा डर बना रहता है संशय बना रहता है.

यात्रियों को हो रही दिक्कत को देखते हुए दीप गांव निवासी रिटायर्ड फौजी नीतीश रंजन ने रेलवे के डीआरएम समस्तीपुर एवं एडीआरएम ए के झा सहित रेलवे बोर्ड को मेल द्वारा शिकायत की है. अपने शिकायती पत्र में उन्होंने कहा है कि इस जगह पर यूटीएस टिकट व्यवस्था थी, जो पिछले चार माह से बंद है. सुरक्षित यात्रा के लिए हाल्ट पर टिकट काउंटर खुलना जरूरी है. उन्होंने तुरंत समस्या पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है.

रेलवे की नई व्यवस्था में हाल्ट पर यूटीएस टिकट के लिए संवेदक को रखा जाता है. इस हाल्ट पर 5 वर्षों के लिए जो संवेदक बहाल थे, उनकी चार माह पूर्व आकस्मिक मृत्यु हो गई. उनकी मौत के बाद से ही यहां पर दूसरे संवेदक नहीं रखे गए. हालांकि रेलवे ने नए संवेदक के लिए टेंडर भी निकाला, मगर यह इतनी सुस्त और लंबी प्रक्रिया में फंसी हुई है कि चार माह गुजरने के बाद अब तक यहां टिकट उपलब्ध कराने के लिए संवेदक नही आये है. स्थानीय निवासी विकास झा, पंचायत के मुखिया मोहम्मद कलाम, अर्जुन शाह, सैफुद्दीन अंसारी, कमलेश पांडे, यशोधर झा,छेदी राम अरुण यादव सहित कई लोगों ने कहा रेलवे बिना टिकट यात्रा करने के लिए मजबूर कर रही है. रेल विभाग हाल्ट पर परमानेंट नोटिस टांग दे कि इस हाल्ट से यात्रा करने वाले लोगों को कभी टिकट नहीं लगेगी. अथवा तुरंत टिकट काउंटर खुलवाने की व्यवस्था करें.



डेस्क

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