राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 43,245 वाद का हुआ निस्तारण
बलिया। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलिया अमित पाल सिंह द्वारा दीप प्रवज्वलित कर मॉ सरस्वती के चित्र पर मल्यार्पण करके किया गया, जिसका संचालन अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया हरीश कुमार द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में न्यायालय के समस्त पीठासीन अधिकारीगण, समस्त बैंक प्रबन्धकगण एवं समस्त कर्मचारीगण व वादकारी उपस्थित रहें।
राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी न्यायालय, बलिया के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, समस्त बैंक प्रबन्धकों तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा निस्तारित किये गये वादों का विवरण निम्नलिखित हैः-
*फौजदारी एवं सिविल मामलों के निस्तारण का विवरण*
1- पुनीत कुमार गुप्ता, अपर जनपद न्यायाधीश कोर्ट सं0-01 - फौजदारी-01 वाद, अर्थदण्ड 200/-
2- रवि करण सिंह, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) - फौजदारी-02, अर्थदण्ड-1000/-
3- प्रथम कान्त, विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) कोर्ट सं0-08 - फौजदारी- 07, अर्थदण्ड- 5500/-
4- प्रमोद कुमार गंगवार, अपर जनपद न्यायाधीश कोर्ट सं0-04 - फौजदारी- 02, अर्थदण्ड- 1500/-
5- महेश चन्द्र वर्मा, विशेष न्यायाधीश (ई0सी0 एक्ट) - विद्युत अधिनियम -64 वाद निस्तारित।
6- रामकृपाल, अपर जनपद न्यायाधीश/एफ.टी.सी.-द्वितीय - लघु आपराधिक वाद-01, अर्थदण्ड-500/-
7- संजय कुमार गोंड, अपर सिविल जज (सी0डि0) - सिविल 01 वाद।
8- पराग यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बलिया - फौजदारी 7430, धनराशि अर्थदण्ड- 3,86,020/-
9- गार्गी शर्मा, सिविल जज (सी0डि0) - सिविल 14 वाद, रूपये 8,13,28,00.53/- का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया।
10- कविता कुमारी, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट -प्रथम - फौजदारी वाद - 324, अर्थदण्ड- 3520/-
11- विराट मणि त्रिपाठी, सिविल जज (सी0डि0)/एफ.टी.सी.- फौजदारी वाद- 519, अर्थदण्ड 2220/-, सिविल वाद- 01
12- चन्दन सिंह, न्यायिक मजिस्टेªट-प्रथम - फौजदारी 311 वाद, अर्थदण्ड - 2580/-
13- स्निग्धा प्रधान, सिविल जज (जू0डि0) पश्चिमी - सिविल 09 वाद, रूपये 5,52,801.78/- का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया।
14- प्रियंका यादव, न्यायिक मजिस्ट्रेट-द्वितीय - फौजदारी 202 वाद, एन0आई0एक्ट - 01 वाद
15- अवनीश कुमार-तृतीय, न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय तहसील सिकन्दरपुर - फौजदारी 201 वाद,
16- पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, सिविल जज (जू0डि0) रसड़ा - सिविल वाद - 03, समझौता धनराशि - 2,37,092/-, फौजदारी 300 वाद, अर्थदण्ड - 2000/-
17- राम बिलास प्रसाद अध्यक्ष, स्थाई लोक अदालत द्वारा निस्तारित किये गये वादों की सं0 - 02 वाद,
18- सुरभि सिंह, सिविल जज (जू0डि0) एफ.टी.सी.- द्वितीय, - फौजदारी 195 वाद,
19- आशुतोष सिंह, सिविल जज (जू0डि0) एफ.टी.सी.- प्रथम, - सिविल वाद - 01
20- अनिल कुमार मिश्रा, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, बलिया - फौजदारी वाद- 327, अर्थदण्ड- 11050/-
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*योग- 9919 वाद, अर्थदण्ड धनराशि, 416090/-*
उत्तराधिकार प्रमाण पत्र - 86,85,602.31/-
समझौता धनराशि - 237092/-
*परिवारिक न्यायालयों द्वारा मामलों का निस्तारण का विवरण*
21- विरेन्द्र कुमार पाण्डेय, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय - वैवाहिक वाद- 13
22- सरला दत्ता, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय - वैवाहिक वाद- 22
*मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बलिया द्वारा निस्तारित का विवरण*
23- संजीव कुमार तिवारी, पीठासीन अधिकारी, - 12, प्रतिकर की धनराशि - 65,90,000/-
24- राजस्व विभाग द्वारा निस्तारित किये गये कुल वादो की संख्या - 17725
25- उपभोक्ता फोरम द्वारा निस्तारित किये गये कुल वादो की संख्या- 05 वाद, प्रतिकर धनराशि- 6,35,768/-
26- बैंक द्वारा निस्तारित किये गये प्री-लिटिगेशन कुल वादों की सं0 - 812 वाद
कुल समझौता धनराशि ----------------- 6,39,87,720/-
मौके पर तत्काल वसूल की गयी नकद धनराशि --- 2,09,79,869/-
27- दूर संचार विभाग द्वारा निस्तारित किये प्री-लिटिगेशन वादों की सं0....07 वाद-
कुल समझौता धनराशि ---------------- 28000/-
मौके पर तत्काल वसूल की गयी नकद धनराशि --- 28000/-
28- विद्युत विभाग द्वारा कुल निस्तारित किये गये वादों की संख्या - 17787
कुल समझौता धनराशि ---------------- 4,43,94,495/-
*सम्पूर्ण योग- 43,245 वाद निस्तारित*
नोट:- राष्ट्रीय लोक अदालत आज दिनांक 08.03.2025 को कुल सिविल, अपराधिक, राजस्व, बैंक विवाद इत्यादि के कुल 43,245 वाद निस्तारित किये गये, जिसमें कुल समझौता धनराशि - 12,45,58,677.31/- (बारह करोड़ पैतालिस लाख अन्ठावन हजार छः सौ सतहत्तर रूपये इक्तीस पैसे) तथा मौके पर ही कुल धनराशि 6,58,18,454/- (छः करोड़ अन्ठावन लाख अठारह हजार चार सौ चौवन रूपये मात्र) की वसूली की गयी।
By- Dhiraj Singh
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