02 दिसम्बर 2025 का पंचांग
*~ वैदिक पंचांग
🌤️ *दिनांक - 02 दिसम्बर 2025*
🌤️ *दिन - मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - द्वादशी शाम 03:57 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 08:51 तक तत्पश्चात भरणी*
🌤️ *योग - वरीयान रात्रि 09:08 तक तत्पश्चात परिघ*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:12 से शाम 04:34 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 07:01*
🌤️ *सूर्यास्त - 05:54*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अखंड द्वादशी,भौमप्रदोष व्रत*
💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी* 🌷
👉🏻 *02 दिसंबर 2025 मंगलवार को मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी है ।*
➡ *वराहपुराण के अनुसार जो पुरुष नियमपूर्वक रहकर कार्तिक, मार्गशीर्ष एवं बैशाख महीनों की द्वादशी तिथियों के दिन खिले हुए पुष्पों की वनमाला तथा चन्दन आदि को मुझ पर चढ़ाता है, उसने मानो बारह वर्षों तक मेरी पूजा कर ली।*
➡ *वराहपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास में चन्दन एवं कमल के पुष्प को एक साथ मिलाकर जो भगवान विष्णु को अर्पण करता है, उसे महान फल प्राप्त होता है।*
➡ *अग्निपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष के शुक्लपक्ष की द्वादशी को श्रीकृष्ण का पूजन करके जो मनुष्य लवण का दान करता हैं, वह सम्पूर्ण रसों के दान का फल प्राप्त करता हैं |*
➡ *महाभारत अनुशासनपर्व*
*द्वादश्यां मार्गशीर्षे तु अहोरात्रेण केशवम्।*
*अर्च्याश्वमेधं प्राप्नोति दुष्कृतं चास्य नश्यति।।*
*जो मार्गशीर्ष की द्वादशी को दिन-रात उपवास करके ‘केशव’ नाम से मेरी पूजा करता है, उसे अश्वमेघ-यज्ञ का फल मिलता है।*
➡ *स्कन्दपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास में श्रीभगवान विष्णु को, उनके अन्य स्वरुप को स्नान कराने का विशेष महत्व है विशेषतः द्वादशी को । इस दिन श्रीकृष्ण को शंख के द्वारा दूध से स्नान कराएं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞


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