"मोदी प्लान" के सहारे भाजपा की यूपी 'फतह' की तैयारी
नई दिल्ली। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में साल 2014 का प्रदर्शन दोहराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विशेष रणनीति बनाई है। भाजपा सपा-बसपा गठबंधन से निपटने के लिए पीएम मोदी का रणनीति के तहत इस्तेमाल करेगी। आने वाले चुनावों में पीएम 80 सीटों वाले यूपी में करीब 20 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। उत्तर प्रदेश में इस बार सात चरणों में मतदान है।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मोदी यूपी में उन जगहों पर ज्यादा रैलियां करेंगे, जहां वो पिछले पांच सालों में नहीं जा सके है। इसके अलावा प्रदेश भाजपा की ईकाई ने उन क्षेत्रों की लिस्ट भी तैयार की है, जहां पीएम रहते हुए पांच सालों में उन्होंने जनसभाओं को संबोधित किया। इसमें दिल्ली से सटा गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, योगी का संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और अमेठी है। इन निवार्चन क्षेत्रों के अलावा उन सीटों की भी पहचान कर ली गई है, जहां उनकी रैली से उस सीट के अलावा आसपास की सीटों पर प्रभाव पड़ सके।
नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर 2018 से लेकर अब तक करीब 15 बार प्रदेश का दौरा किया। आचार संहिता लागू होने से पहले वो कई बार वाराणसी गए। भाजपा के एक नेता ने जानकारी दी कि पहले तीन चरणों के मतदान में नरेंद्र मोदी कम से कम दो जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं आखिरी चार चरणों में उनके कई और चुनावी रैलियां यूपी में होंगी। इसके अलावा अलग-अलग चरणों में जरूरत के मुताबिक उनके कार्यक्रम बढ़ाए भी जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रबंधन से जुड़े नेता ने बताया कि हमारी तरफ से दोनों लिस्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी गई हैं। अब वो ही इसे अंतिम रूप देंगे। उन्होंने कहा कि मोदी बीजेपी के चुनावी अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी रैलियों के लिए उन जगहों को चुना जाएगा जहां वो पिछले पांच सालों के दौरान कभी नहीं गए। गौरतलब है कि साल 2014 में भी नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर कई रैलियां की थी। यूपी में उनकी रैलियों ने पार्टी को ऐतिहासिक फायदा हुआ। भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 2014 में 73 सीटें जीती थी। उसमें बीजेपी ने अकेले 71 सीटें हासिल की थी। इसका फायदा ये हुआ कि बीजेपी ने अपने दम पर पहली बार बहुमत हासिल किया।
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