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बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, चौपट हुई फसलें



चिलकहर(बलिया)।  धान का कटोरा कहे जाने वाले चिलकहर ब्लाक के नहर क्षेत्र के गांवों में लगातार हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। लगभग हर गांव के किसानों की फसलें डुब गयी है, जिनके खेतों में धान की रोपाई नहीं हुई है, उनकी धान की बेहन (बीज) पानी में डूबकर सड़ गये है। गोपालपुर, हजौली, सिंहपुर के तरफ छोटी नावों का सहारा ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद से ले रखा है।                                    
 ग्रामीण अंचल के बडे बुजुर्गों का कहना है कि आज से लगभग पचहत्तर बर्ष पूर्व ऐसी ही बाढ़ ग्राम सभाओं में आयी थी। उस समय गांव में भी लोग कुड़े की नाव बना कर घर से बाहर निकलते थे। पुरे गांव की कृषिक भूमि सहित गांव की गलिया भी जलमग्न हो गयी थी। अब हालात यह है कि  पान्डेयपुर, बसनवार, छिब्बी,  बहोरापूर, पिपरा, चौबेपुर, असनवार, बसनवार, रघुनाथपूर, आलमपुर,  कुकुरहां, समेत ग्रामीण अंचलो में  बारिश खुलने के बाद खेत जलमग्न है जिनमें किसानों की फसलें डूब गयी है तो जिनके धान की रोपाई नहीं हुई है, उनके बीज पानी लगने से खराब हो गये है। किसानों के समक्ष विकट समस्या हो गयी है। बैंकों से खेती किसानी के पैसे लेकर धान की खेती करने वाले किसान चिंतित नजर आ रहे है। कुछ फसलें डुब गयी है तो  खाली पड़े खेतों तालाबनुमा हो गये है, जिनमें धान की खेती करना इस वर्ष मुमकीन नहीं दिख रहा है ।


रिपोर्ट संजय पांडेय

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