बिजली कटौती से बेहाल उपभोक्ता एक्सियन को नदारद देख बिफरे,किया तालाबंदी, दिया धरना
बलिया। जनपद मेंं हो रहे अघोषित बिजली कटौती के विरोध में उपभोक्ताओं ने सोमवार को रामपुर स्थित विद्युत वितरण खंड द्वितीय के कार्यालय में तालाबंदी की और धरना दिया।
इसके उपरांत छात्रनेता व सामाजिक कार्यकर्ता रिपुन्जय रमण पाठक रानू के नेतृत्व में बिजली विभाग के प्रबन्ध निदेशक को भेजे गए सात सूत्रीय मांगपत्र प्रेषित किया, जिसमें जनपद की बदहाल विद्युत व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन की मांग की गई। ताकि लोगों को शासन के निर्देशानुसार पर्याप्त बिजली मिल सके।
बता दें बीते एक सप्ताह से शहर सहित ग्रामीण अंचलों मेंं बिजली आपूर्ति पूर्ण रुप से ठप्प है। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से लाख गुजारिश के बाद सुधार ना होता देख उपभोक्ताओं ने छात्र रानू पाठक के नेतृत्व मेंं रामपुर कार्यालय पहुंचे जहां प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने अधिशासी अभियंता को अनुपस्थित देख आग बबूला हो गए और जोरदार नारेबाजी करते हुये मुख्य द्वार पर तालाबंद कर धरने पर बैठ गए। जिससे विभागी कर्मियों में अफरातफरी मच गई।
घेराव कर बताया कि भीषण गर्मी मेंं बिजली व्यवस्था पिछले 7 दिनों से गायब है,व्यवस्था पूर्ण रूप से बेपटरी हो चुकी है लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है,बलिया शहर सहित ग्रामीण अंचलों मेंं ओवरलोड, जर्जर तार, जर्जर खम्भो का बहाना बना आपूर्ति बाधित की जा रही है, इस गंभीर समस्या के निदान व 20 घंटे आपूर्ति के लिए लगातार आगाह किया जाता रहा है, लेकिन एक तरफ़ जहां पूरे प्रदेश मेंं सरकारें बेहतर आपूर्ति का दावा ठोंकती नज़र आ रहीं। वही यहाँ की नजीर उन्हें आंख चिढ़ा रहीं है। बलिया शहर मेंं टाउन 2-3 की स्थिति तो बद से बदतर है। बीते 7 दिन से लोग पानी के लिए तरस रहें है है, तो वही टाऊन क्षेत्र व गांवों मेंं लो वोल्टेज की समस्या से समस्या उत्पन्न हो रहीं है। ठंड के मौसम मेंं ही घेराव के दौरान ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने की मांग की गई थी लेकिन वो आज तक ना बढ़ी जिसके वजह से ओवरलोड की समस्या उत्पन्न हो रही है।
इस मौके पर छात्रनेता हिमांशु सिंह, मेराज आलम, विकास कुमार विक्की, लक्ष्मी पंडित, अंकित तिवारी, विवेक पान्डेय, टिंकू चौबे, पंकज पांडेय, राहुल मिश्रा, अनुभव मिश्रा, रामानुज तिवारी, संतोष वर्मा, शिवम सिंह, मनोज कुमार, नीतीश सिंह, गोलू पान्डेय, आकाश जायसवाल, मोहित जायसवाल,नीतीश सिंह आदि मौजूद रहें।
By-Ajit Ojha
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