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बाढ़ पीड़ितों की मदद को तत्पर है प्रशासन:एसडीएम


बैरिया,बलिया। मंगलवार को उपजिलाधिकारी बैरिया दुष्यंत कुमार मौर्य ने बाढ़ राहत वितरित स्थल मुरारपट्टी इंटर कालेज पर पहुंचे। बताया कि दोकटी थाना क्षेत्र के न्याय पंचायत मुरारपट्टी के बाढ़ पीड़ितों के लिए मुरारपट्टी के गड़ेरिया व दामोदरपुर पूरवा के 325 परिवारों को राहत पैकेट सोमवार को बांट दी गई व बाढ़ पीड़ितों के लिए पांच नावें लगाई गई है। हृदयपुर के 713 परिवारों के लिए राहत पैकेट सोमवार के दी बांट दी गई और दो नावों की ब्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई। बहुआरा ग्राम पंचायत के 1425 परिवारों को राहत पैकेट सोमवार को बांट दी गई, साथ 12 नावों की व्यवस्था की गई है। शिवपुर कपूर दियर पंचायत के 2460 परिवारों के लिए राहत पैकेट लेखपाल को उपलब्ध करा दी गई है, जिसे तत्काल वितरित कर दी जाएगी, वहां 24 नावों की व्यवस्था प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया गया है। साथ ही दलकी नंबर एक के बाढ़ पीड़ितों के लिए 127 बाढ़ पीड़ितों का राहत पैकेट लेखपाल को उपलब्ध करा दिया गया है और वहां पर एक नाव की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कर दी गई है।
बाढ़ के घिरे लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है कि बंधे पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों की तो चिकित्सा आदि की व्यवस्था है किंतु घरों के छतों पर रहे रहे बाढ़ पीड़ितों के इलाज की कोई व्यवस्था न होने से उनके समक्ष यह एक और परेशानी बढ़ गई है क्योंकि बाढ़ क्षेत्रों में डायरिया, मौसमी बुखार आदि ने अपना पांव पसार लिया है। 

गंगा घटाव पर


बैरिया। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार मंगलवार को दिन में एक बजे गंगा का जलस्तर 59.90 मीटर दर्ज की गई। साथ ही आधा सेमी का घटाव बना हुआ है।

पेयजल को तरस रहे लोग


बैरिया। बाढ़ के पानी से घिरे गांव दुबेछपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, पांडेयपुर, जगदेवां, सोनार टोला, रामगढ़, सुघर छपरा, केहरपुर के बाढ़ पीड़ितों के बीच   मददगारों ने हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। समाजसेवियों द्वारा भोजन के पैकेटों से तो भूख मिट जा रही है किंतु पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। यहां शु( पेयजल के अभाव के कारण संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बढ़ गई है। वहीं बाढ़ क्षेत्र में तरह-तरह के विषैले जीव-जंतुओं के अलावा जंगली सूकरों का आतंक से लोग भयभीत हैं।

दो जून की रोटी के पड़े लाले

बैरिया। गंगा के बाढ़ से घिरे छतों पर शरण लिए लोगों का कहना है कि एनडीआरएफ के टीम के सिवाय किसी के द्वारा भोजन आदि के पैकेट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिस कारण हम लोगों को भोजन के लिए भी तरसना पड़ रहा है। घर में पानी प्रवेश करने के कारण सब कुछ रहते हुए भी भोजन बनाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति केहरपुर, सुघर छपरा, गोपालपुर, उदईछपरा, दुबेछपरा के बाढ़ पीड़ितों की है।

रिंग बंधा कटने से अफरा-तफरी



बैरिया। गंगा में घटाव शुरू होते ही दुबेछपरा-गोपालपुर-उदई छपरा रिंग बंधे का 25 मीटर हिस्सा मंगलवार की सुबह गंगा में विलीन हो गया। जिससे समीप की दलित बस्ती कटान के चपेट में आ गई। कटान से उनमें अफरा-तफरी माहौल बन गया।

रिपोर्ट- धीरज सिंह

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