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ना होती एनडीआएफ की टीमें तो होती व्यापक क्षति




-अब तक 17 सौ की बचाई जान


रामगढ़, बलिया । विगत 7 दिनों से एनडीआरएफ की टीमें गंगा की  उफनती  लहरों का सामना करते हुए अदम्य साहस के साथ मानव जीवन रक्षा में  दिन रात बिना रुके बिना थके मोर्चा संभाले हुए हैं ।
रिंग बांध के टूटने के कारण बांध के नजदीक आसपास  की आबादी जलमग्न हो गई है  एनडीआरएफ के द्वारा लाउडस्पीकर से घोषणा की जा रही है।  विगत 7 दिनों से  लगातार गंगा नदी  का जल स्तर बढ़ रहा है। आप लोग गांव छोड़कर  सुरक्षित स्थान पर निकलने की कोशिश करें।अब तक  बाढ़ में फंसे  लगभग 1700 से ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है, जिसमें सबसे पहले प्राथमिकता बुजुर्गों, गर्भवती महिलाएं, और विकलांगों व बच्चों को दी जा रही है । एनडीआरएफ की टीमों का निर्देशन कर रहे  निरीक्षक गोपी गुप्ता और डीएम भवानी सिंह खंगारौत ने गंगा नदी का रिंग बांध टूटने से बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर लगातार  जायजा  ले रहे हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। गंगा के जलस्तर लगातार बढ़ने से कुछ और गांवांे के प्रभावित होने की संभावना के चलते सारी तैयारियां कर ली हैं। 
आपको बता दें कि एनडीआरएफ हर समय मानव जीवन को सुरक्षित करने हेतु सजग, सक्षम और तैयार है। आपरेशन के दौरान टीमों का संचालन उपनिरीक्षक विक्रम सिंह के द्वारा किया जा रहा है।  दिन-रात एनडीआरएफ की टीमें लगातार अपने अदम्य साहस  और कर्म निष्ठा के साथ बाढ़ राहत बचाव कार्य में जुटी हुई हैं और साथ ही साथ बाढ़ से प्रभावित लोगों को सर्प दंश और बाढ़ से पहले, बाढ़ के दौरान और बार खत्म होने के बाद क्या करना चाहिए। इसके बारे में भी जागरूक कर रही हैं। 


बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने की जहमत नहीं उठा रहे सरकारी हुक्मरान


रामगढ़, बलिया। गंगा के जलस्तर में उतार चढ़ाव का नाटकीय परिवर्तन जारी है। हालात यह है कि खतरा निशान से 2 मीटर से भी ऊपर बह रही है। वहीं द्वाबा के दर्जनों गांव में करीब लाखों की आबादी बाढ़ से त्रस्त है तो गंगा नदी सुनार टोला रामगढ़,  केहरपुर, व  उदई छपरा में जमकर तांडव मचा रही है। हर एक दिन किसी न किसी  आदमी का मकान गंगा की लहरों में समाहित होता चला जा रहा है दुबे छपरा बंधे पर शरण लिए शरणार्थियों के बीच मददगारों ने हाथ बढ़ाने तो शुरू कर दिए हैं, लेकिन पानी से घिरे गांव पांडेपुर, जगदेवा रामपुर कोड़ाहरा, मुरलीछपरा, दुबे छपरा, जगछपरा, बादिलपुर, बघौंच, मिश्र के हाता, चौबेछपरा आदि गांवों में न तो प्रशासन की तरफ से ही न जनप्रतिनिधियों ने अब तक अपना हाथ बढ़ाया है वहां के लोग आज भी सुविधाओं के लिए तरसते नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना की बात है कि आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने सुनार टोला रामगढ़, केहरपुर में आज तक नहीं पहुंच पाए। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर सोमवार के सुबह 10.00 बजे 59. 900 मीटर पर स्थिर बना हुआ है।


दूबेछपरा के बाद दया छपरा के बंधे पर पड़ी गंगा की नजर


रामगढ़, बलिया । गंगा की लहरों से कटान थमने का नाम नहीं ले रही, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है।  गंगा नदी पहले ग्रामसभा केहरपुर में काटने के बाद, दुबेछपरा रिंग बन्धा को अपने आगोश में ले ली फिर चौबे छपरा में अभी तक लगभग एक दर्जन मकानों को काटने के बाद उदई छपरा में आधा दर्जन मकानों अपने आगोश में लेते हुए। गंगा उस पार नौरंगा , भुवाल छपरा में 150 एकड़ कृषि योग्य भूमि निगल गयी । सोमवार की सुबह से गंगा नदी की उफनती धारा दया छपरा के सामने सिंचाई विभाग के बन्धे को काटना शुरू कर दी। तो उधर नौरंगा भुवाल छपरा में गंगा का रौद्र रूप देख लोग घर से पलायन करना शुरू कर दिए। लगातार 15 दिन से काट रही गंगा नदी की लहरों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के दक्षिण बसे ग्राम सभा गोपालपुर, आंशिक दयाछपरा, ग्राम सभा जगदेवा, पांडेयपुर, नौरंगा, भुवाल छपरा के ग्रामीणों को सोचने पर बिबस कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा गंगा की धारा को मोड़ने का मुस्तकिल व्यवस्था नही किया जाता। तो भले ही इस साल बच जाए। आगे आने वाले दो ,चार सालों में दुबेछपरा से टेंगरही तक राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से दक्षिण बसे गावों का अस्तित्व मिट जाएगा ।


बाढ़ पीड़ितों की उपेक्षा पर बिफरे सपाई, सौंपा डीएम को ज्ञापन


बलिया। समाजवादी पार्टी के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता के नेतृत्व में जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। सौपे गए ज्ञापन में कहा है कि नगर विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव गंगा में आई बाढ़ से चारों तरफ से गिर चुका है । लेकिन जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं उठाए जाने से लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ज्ञापन में कहा है कि नगर पालिका क्षेत्र के कंसपुर, वजीरापुर, मोहम्मदपुर मोहल्ले में जिला प्रशासन द्वारा लोगों को आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है। लेकिन नाव के लिये इंधन जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने से नाव शो पीस बनी हुई है। जिससे लोगों का आवागमन बाधित हो गया है।  वही गंगापार के  शिवपुर दियर नंबरी, जवही, परानपुर के भूमिहीन ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की राहत सामग्री अब तक वितरित नही किया है। प्रकाश की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन द्वारा मिट्टी का तेल अब तक वितरण न होने से लोगो में आक्रोश है। लोगों के अंदर हमेशा डर बना रहता है कि कभी किसी को विषैले जंतु काटना ले इसलिए लोगों को पूरी रात जागकर ही सुबह का इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि प्रशासन द्वारा ना तो लोगों को राहत सामग्री और ना ही मवेशियों का चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि सभी बाढ़ पीड़ितों को 12 घंटे के अंदर राहत सामग्री पहुंचाई जाए, शासन की अनदेखी और अविश्वास अनिश्चितता का वातावरण पैदा कर रहा है। कहा कि नगर पालिका क्षेत्र में बारिश के पानी से पूरा नगर की नालियां ओवरफ्लो होकर सड़कों पर गंदा पानी फैल गया है। जिससे होकर लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । उन्होंने इन समस्याओं से जल्द से जल्द निजात दिलाने कि मांग की है। ज्ञापन देने वालो में नईम खा मुन्ना, दिनेश यादव, हरेंद्र यादव, राजेश कुमार यादव, विजय यादव, मंटू गुप्ता, मकसूद खान, इस्लाम बदरुद्दीन, मदन साहनी, अवधेश आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट- रविन्द्र नाथ मिश्र, नवनीत मिश्रा

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