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‘मॉ’ के जयकारे के साथ देवीमय हुई भृगु नगरी


- मन्दिरों और पंडालों में उमड़ रहा भक्तों का हुजूम

बलिया। वैसे तो नवरात्रि के आगमन के साथ ही महर्षि भृगु की तपोस्थली के रूप में ख्यातिलब्ध बागी बलिया की धरती भक्तिमय हो गयी थी। जनपद स्थित शक्तिस्वरूपा के प्रसिद्ध मन्दिरों में श्रद्धालुओं की चहलकदमी बढ़ गयी थी, लेकिन सप्तमी की तिथि के आते ही इसमें और तेजी आ गयी। इसका प्रमुख कारण शहर समेत देहात क्षेत्रों में स्थित मॉ की मूर्तियों के पट खुल गयें। इसके साथ ही मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्ताें का तांता लगने लगा। हालांकि नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले मेले और उसमें उमडने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बलिया पुलिस ने खास प्लान तैयार कर रखा है। बावजूद इसके पूजा पंडालों में उमड़ रही भीड़ को देख मौसम का खलल बेअसर साबित होता दिख रहा हैं। नगर क्षेत्र के ओकडेनगंज, जापलिंनगंज, चितू पाण्डेय चौराहा, गुदरी बाजार, कदम चौराहा, मिड्ढ़ी, हरपुर, कासिम बाजार आदि स्थलों पर आयोजित दुर्गा पूजा में मूर्ति का पट खुलते ही मॉ के दर्शन को भक्तों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। जिसे नियंत्रित करने में पूजा कमेटी के साथ- साथ पुलिस प्रशासन को भी भारी मशक्कत करनी पड़ी। भक्ताें की तादाद में बड़ी संख्या महिलाओं की रही। उनकी उपस्थिती ने महौल को देवीमय बना दिया। इस दौरान शहन में लगे मेले मे लोगों ने जमकर खरीदारी  भी की। हालांकि चंद रोज पहले मौसम की बेरूखी के कारण सब कुछ असम्भव सा प्रतीत हो रहा था, लेकिन बीते शनिवार को बदले मौसम के मिजाज और दिन भर हुई खुशनुमा धूप ने महौल को गीतमय बनाने में अहम भूमिका निभायी।

रविवार को नवरात्र के अष्टमी दर्शन पूजन करने के लिए मां दुर्गा के मन्दिरों में भक्तो का तांता लगा रहा। नगर में बने पंडालो को देखने के लिए लोग बड़े उत्सुक दिखे। नगर के अनेकों स्थानों पर बने भव्य पंडालों में रखी गई मां दुर्गा की मुर्तियो ने आये हुए सभी दर्शनार्थीयों का मन मोह लिया। अष्टमी के अवसर पर कई जगहों पर कन्या पूजा का आयोजन किया। जमुना पाठशाला में बंगाली समाज द्वारा रखे पंडाल में कन्या को मां दुर्गा के समान सजाकर भव्य तरीके से पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात 108 दीप जलाकर मां दुर्गा की सन्धि पूजा की गई। पूजा के बाद मां दुर्गा के भक्तों में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया गया। वहीं ओक्डेनगन्ज के पंडाल में नटराज कला के तहत मूर्तियों को बनाया गया। इन मुर्तियों को बोरे और चाट से बने वस्त्रों को पहनाया गया है। जो आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस पंडाल की उँचाई भी नगर में बने हरेक पंडालों से ऊंची है। लोहापट्टी में बने पंडाल को भी गुफा का रूप दिया गया है। जिसमें मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई है। कई पंडालों को अभी भव्यता का रूप दिया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि इस बार स्वच्छता के ऊपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही पालिथिन के इस्तेमाल के विरोध में भी लोगांे को जागरूक किया जायेगा।


दशहरा मेला में देवी दर्शन के लिए उमड़ा सैलाब 



रेवती,बलिया। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर रेवती नगर में चल रहे चार दिवसीय दशहरा मेला के दूसरे दिन अष्टमी को प्रातः से ही विभिन्न पांडलों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं के दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का शैलाब उमड़ पड़ा। बड़ी मस्जिद के समीप स्थापित मां दुर्गा की काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर बने भव्य पांडाल का उद्घघाटन नगर पंचायत रेवती के अध्यक्ष प्रतिनिधि कनक पांडेय ने फीता काटकर किया। इसी क्रम में गायघाट स्थित मां पचरूखा देवी के मंदिर, शोभनाथपुर गांव में शोभनथहीं माता के मंदिर तथा नगर के भटवलिया मुहल्ला में मां काली के मंदिर में अष्टमी को दर्शन पूजन के लिए महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बनी रही। काली मंदिर में सात अन्जा (प्रसाद) पाने के लिए महिलाओं में काफी उत्साह रहा।
वहीं पीस कमेटी की थाना परिसर में हुई बैठक में एसडीएम बांसडीह अन्नपूर्णा गर्ग तथा सीओ बैरिया उमेश कुमार यादव द्वारा मेला में भीड़ नियंत्रण में ऐतिहात बरतने हेतू पूजा कमेटियों को आवश्यक निर्देश दिया गया।


By-Ajit Ojha, Anil Keshri

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