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भाजपा सरकार ने किया गंगा का बेड़ा गर्क: रमाशंकर




लिया। केन्द्रीय अदूरदर्शिता के चलते दिन-प्रतिदिन पतित पावनी गंगा के जख्म और जटिल होते जा रहे है। नमामि गंगे योजना राजस्व अपव्यय करने का यंत्र बनाकर रह गयी है। गंगा के मूल दर्द पर प्रहार करने वाली अविरल गंगा की पृष्ठभूमि तैयार करने में सरकार पूरी तरह विफल है। उक्त बातें गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने गंगा आन्दोलन के 15वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर राजपूत नेवरी स्थित गंगामुक्ति सेना के कैम्प कार्यालय पर कही। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई। 

उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्र में कुल 351 नदियों का जीवन संकट में डालने के लिए हमारी औद्योगिक नीतियां तथा घोर आधुनिकता जिम्मेदार है। सरकार तथा गैर सरकारी स्तर पर पर्यावरण की चिन्ता सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित है, कहा नदियों का भूगोल बिगाड़कर उनके सुनहरे इतिहास को जिन्दा रखना सम्भव नहीं है। गंगाभक्त माँ गंगा के अस्तित्व की रक्षा के लिए उपवास एवं अनशन के जरियें गंगा मुक्ति आंदोलन को धार देंगे। इस अवसर पर छात्रनेता रतन पाण्डेय, संजय सिंह, प्रभाकर प्रजापति कृष्णा गुप्ता, अभिषेक चौबे, सौरभ सिंह सहित कई गंगा भक्त उपस्थित रहे। अध्यक्षता गंगा मुक्ति सेना के अध्यक्ष मनीष कुमार सिंह तथा संचालन अंकित गिरि ने किया। 


By-Ajit Ojha

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