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उजागर हुआ रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जीवाड़ा

लिया। रजिस्ट्री ऑफिस में फर्जी बैनामा कराने, बैनामा की फर्जी नकल जारी करने और दस्तावेजों में हेराफेरी किए जाने की शिकायत सही पाई गई है। इस फर्जीवाड़े में संलिप्त व्यक्तियों तथा कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ व फर्जी दस्तावेज बनाने से संबंधित अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति डीएम भवानी सिंह खंगरौत ने की है। बता दें कि इसी अगस्त महीने में एसडीएम सदर ने इस प्रकार के फर्जीवाड़े से अवगत कराया था, जिसकी जांच एसडीएम रसड़ा विपिन कुमार जैन की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर कराई गई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब दोषियों पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। 

जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न शिकायती पत्रों के माध्यम से मिले कुल सात बैनामों की विस्तृत जांच की गई तो कई बड़ी खामियां सामने निकल कर आ गई। प्रथमदृष्टया सभी बैनामे फर्जी पाए गए। चूंकि वर्ष 2018 में पहली बार ऐसे बैनामे प्रकाश में आए हैं, लिहाजा जांच समिति ने इस फर्जीवाड़े से जुड़े व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की है। डीएम ने सहायक आयुक्त स्टांप को मुकदमा दर्ज कराने की जिम्मेदारी दी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया से जुड़े सभी अभिलेख जिला निबंधक/उपनिबंधक सदर के माध्यम से सील करके कोषागार के डबल लॉक में रखे जाएंगे। 

उन्होंने एसडीएम सदर को निर्देश दिया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपराधी तत्वों द्वारा मूल मालिकों/कब्जेदारों के कब्जे में दखल ना पैदा किया जाए। उन्होंने दोषी भू माफियाओं पर एंटी भू माफिया की कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कड़ी चेतावनी दी है कि भविष्य में उपनिबंधक कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों के पंजीकरण तथा उनके आधार पर दाखिल-खारिज को रोकने के लिए प्रभावी निरोधात्मक उपाय और सतर्क निगरानी रखी जाए। 


By_Navnit Mishra

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