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बलिया वासियों पर रहम करे सरकार, घोषित हो आपदा ग्रस्त जिला



# नेता प्रतिपक्ष ने उठाई आवाज#बोले, बाढ़ और बारिश ने बेहाल किया बलिया में जनजीवन


बलिया। बाढ़ व अतिवृष्टि से लोगों की बढ़ी परेशानी के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने बलिया को आपदाग्रस्त जिला घोषित करने की मांग राज्य सरकार से की है। उन्होंने प्रकृति की दोतरफा मार झेल रहे जिलेवासियों को अपने हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया। उन्होंने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र बांसडीह में बाढ़ व भारी बारिश से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के बाद मंगलवार को सपा के जिला प्रवक्ता सुशील कुमार पांडेय 'कान्ह जी' के माध्यम से प्रेस को एक बयान जारी किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिले का अधिकांश भाग गंगा व घाघरा के दोआब में स्थित है। बांसडीह विधानसभा क्षेत्र इन्ही दोनों नदियों के मध्य आता है। सितम्बर माह के मध्य में ही जिले में बाढ़ ने दस्तक दे दी थी। उन्होंने कहा कि एक पखवाड़े से गंगा की प्रलयंकारी बाढ़ से बैरिया व सदर तहसील के सैकड़ों गांव व घाघरा के पानी से मेरी विधानसभा क्षेत्र के कई दर्जन गांव घिरे हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि गंगा के उफान में दूबेछपरा में बना रिंगबंधा टूट जाने से दर्जनों गांवों में अचानक भयावह स्थिति बन गई। अभी इन गांवों के लोग बाढ़ की विभीषिका से जूझ ही रहे थे कि सदर तहसील के भी गांव जलमग्न हो गए। इधर, घाघरा की उफनाती लहरों ने बांसडीह इलाके में तबाही मचाना शुरू कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाढ़ से कराह रहे जनपदवासियों पर भारी बारिश कहर बन कर टूटी है। इतनी भीषण प्राकृतिक आपदा के बावजूद जनपद खासकर बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जिला प्रशासन ने मदद नहीं पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने विस क्षेत्र के गांवों में जाकर लोगों की पीड़ा को देखा है। नदियों की बाढ़ व भारी बारिश ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। गांव के गांव पानी में डूब गए हैं। धान की फसल चौपट हो गई है। पशुओं को चारा तक नहीं मिल रहा। लोग अपने व मवेशियों को लेकर परेशान हैं।
कहा कि बाढ़ व अतिवृष्टि के कारण कई लोगों की मौत भी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिनकी मौतें हुईं, उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही। जिला प्रशासन उन तक नहीं पहुंच रहा। जनपद के अन्दर सी० ए० सी० पी०ए०सी० पर दवाइयों का अभाव हैं और प्रशासन पूरी तरह से सुस्त है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाढ़ का जायजा लेने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जिले में आए थे। बावजूद इसके पीड़ितों को कोई पूछने वाला नहीं है। मेरे विधानसभा क्षेत्र में तो हालात और भी खराब हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने जिले में इस मानसून की प्रथम बारिश के बाद विधानसभा में मांग किया था कि जिनकी धान की नर्सरी नष्ट हो गई है, उन्हें मुआवजा दिया जाय। हालांकि सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगा। कोई मुआवजा नहीं दिया गया।
श्री चौधरी ने मांग किया कि जिले में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे लोगों की फौरी तौर पर मदद की जाय। किसानों को उनकी नष्ट हुई फसलों के एवज में पूर्ण मुआवजा दिया जाय।
नेता प्रतिपक्ष ने मांग किया कि जिन क्षेत्रों में घाघरा व गंगा की प्रलयंकारी लहरों के कटान से हुआ है तथा जिनके घर कटान की भेंट चढ़ गए, उन्हें जमीन देकर बसाया जाय। इसके साथ ही समूचे जनपद को आपदाग्रस्त घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार पानी निकासी की अविलंब व्यवस्था करे।
                       

       

By-Ajit Ojha

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