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एक अदद शौचालय को तरस रहे सुखपुरा के लोग



# खुले में शौच मुक्त भारत की घोषणा का उड़ रहा माखौल

सुखपुरा(बलिया) : गांधी जी के 150वीं जयंती पर एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा कर चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ बेरुआरबारी ब्लॉक के सबसे बड़े गांव सुखपुरा के सैकड़ों नागरिकों को आज भी एक अदद शौचालय की दरकार हैं। आश्चर्य तो यह है कि ब्लॉक मुख्यालय द्वारा पूरे गांव को खुले में शौच से मुक्त ही नहीं  दिखाया गया है बल्कि यह भी कहा गया है कि यहां अब किसी को शौचालय की जरूरत नहीं है। गांव के लगभग 165 लोगों ने ब्लॉक मुख्यालय पर शौचालय के लिए संबंधित प्रपत्र आधार कार्ड की छाया प्रति के साथ जमा किया था। बावजूद इसके इनमें किसी को शौचालय का लाभ नहीं मिला। आज भी 165 परिवार के लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। इन लोगों में अधिकांश आवेदन कर्ताओं ने जनसुनवाई पोर्टल पर भी ब्लॉक मुख्यालय की मनमानी की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया था।वहां से सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज ब्लॉक बेरुआरबारी को मामले का निस्तारण करने का निर्देश आया था लेकिन सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज ने यह कह कर उक्त समस्या का समाधान कर दिया है कि आधार कार्ड का रिसीविंग ब्लॉक पर नहीं होता है। इसके लिए प्रधान अथवा सचिव से संपर्क करें।जबकि जनसुनवाई पोर्टल पर आवेदन कर्ताओं ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि शासन स्तर पर एक टीम सुखपुरा गांव में भेजी जाए, जो यह जांच करे कि क्या वास्तव में सुखपुरा गांव खुले में शौच से मुक्त हो गया है।अगर नहीं, तो कितने लोगों को आज भी शौचालयों की जरूरत है और उन्हें जरूरत के हिसाब से शौचालय बनाने हेतु आवश्यक धन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।लेकिन सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज ने अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और जरूरतमंदों की आशाओं पर पानी फेर दिया।सुखपुरा कस्बे की हालत यह है कि आज भी शौचालय विहीन लोग खुले में शौच करने को बाध्य है। इसमे ज्यादातर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन  करने वाले लोग ही हैं। यही वजह है कि संपर्क मार्गो पर चलना दुरूह हो जाता है। अब तो मुख्य मार्गों को भी लोग गंदा करने से नहीं चूकते। ऐसी हालत में सुखपुरा कस्बे को ब्लॉक मुख्यालय ने खुले में शौच से मुक्त कैसे कर दिया यह यक्ष प्रश्न आम लोगों के समझ से परे है, जिन लोगों ने ब्लॉक मुख्यालय एवं जनसुनवाई पोर्टल पर शौचालय हेतु आवेदन दिया है। उसमें प्रमुख रूप से मुमताज, रजबतिया, रामावती, सलमा, लखमिनिया, कलावती, बैजनाथ, शैलकुमारी, गिरजा, संतोष, मीना, संजय, जफर हसन, राजेश, शोभा, मेराज आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।इन लोगों ने एक बार पुनः प्रदेश सरकार के मुखिया से केंद्र और प्रदेश सरकार के खुले में शौचालय से मुक्त अभियान को पलीता लगाने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ पात्रों को शौचालय बनाने हेतु आवश्यक धन उपलब्ध कराने की मांग की है। ताकि देश सही अर्थों में खुले में शौच से मुक्त हो सके।

रिपोर्ट डा.विनय कुमार सिंह

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