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एसपी के कोपभाजन बने एसओ,हुए लाइनहाजिर


मनियर, बलिया। दलित किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को हल्के में लेना मनियर थानाध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव को महंगा पड़ गया। हालांकि पुलिस ने तकरीबन एक माह बाद मामले में मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही शुरु कर दी है। लेकिन अपने बड़बोलेपन के लिए विख्यात एसओ को इसकी कीमत चुकानी पड़ी।

हुआ यूं कि संबंधित मामले में थानाध्यक्ष ने कैमरे के सामने इसे हल्का और रेप जैसी जघन्य वारदात को छोटीमोटी घटना करार दे दिया।हद तो तब हो गई जब एसओ ने रेप की घटना को अपराध मानने से भी इंकार कर दिया। यह चूक उनकी कुर्सी के लिए घातक साबित हो गयी। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने एसओ के बयान का संज्ञान लेते हुए थाना अध्यक्ष मनियर को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। 




बता दें कि मनियर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक दलित किशोरी केे साथ युवक ने मुंह दबाकर उस समय दुष्कर्म किया था, जब युवती शौच करने घर से कुछ दूर मक्के के खेत में गई थी। युवती की मां इस मामले में मनियर थाने पर एफ आईआर दर्ज कराने गई तो पुलिस ने युवती के मां से सादे कागज पर अंगूठा लेकर मामले को दबाने की कोशिश की। इसके बाद युवती की मां ने पुलिस अधीक्षक को लिखित तहरीर दी।

 फिर भी जब कोई कारवाई नहीं हुई तो उसने रजिस्टर्ड डाक से फिर अपनी पीड़ा दर्शाते हुए पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र भेजा। इसके बाद इस मामले को मीडिया में प्रमुखता से जब उछाला गया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली, और आनन-फानन में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल मुआयना कराया। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण थानाध्यक्ष मनियर को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस समबंध में जानने के लिए जब पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं लगा। जबकि अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि मामलें में लापरवाही बरतने और उलजूलूल बयान देने के कारण मनियर एसओ के खिलाफ पुलिस अधीक्षक द्वारा कारवाई की गई है। 


By-Rammilan Tiwari

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