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उजागर हुआ बछड़ों की मौत का राज!


नगरा,बलिया। रघुनाथ पुर स्थित पशु आश्रय स्थल में बछड़ों की मौत की जांच हेतु बुधवार को उपजिलाधिकारी रसड़ा, खंड विकास अधिकारी नगरा, पशु पालन विभाग की टीम के साथ पहुंचे तथा मरे बछड़ों का पोस्टमार्टम किया गया। टीम ने मरे बछड़ों का कारण प्लास्टिक खाना व एनीमिया से होना बताया।
     
  नगरा ब्लाक के रघुनाथपुर स्थित पशु आश्रय स्थल में बछड़ों की मौत की खबर छपने के बाद बुधवार को जांच हेतु तहसील एवं ब्लाक के अधिकारी पहुंचे एवं पशु पालन विभाग के चिकित्सको से तीन मृत बछड़ों का पोस्टमार्टम कराएं। एसडीएम रसड़ा विपिन कुमार जैन ने बताया कि दो बछड़ों की मौत प्लास्टिक खाने ( अमहरा) व एक बछड़े की मौत एनीमिया से हुई है। 


पशु आश्रय स्थल में अफसरों की टीम पहुंचने पर नाद चरन में भूसा बछड़े खाते हुए दिखाई दिए। वहीं दो बछड़े मरणासन्न अवस्था में तड़प रहे थे। एसडीएम ने बताया कि चारा उपलब्ध है। जबकि मंगलवार को नाद चरन गोबर से पटी पड़ी थी व चारे का पता नहीं था और बछड़े भूख से बेहाल थे। अफसरों के सामने दो बछड़ों का मरणासन्न अवस्था में तड़पना भी सवाल खड़ा कर रहा है। हालाकि तड़प रहे बछड़ों को पशु पालन विभाग की टीम ने एनीमिया से पीड़ित बताया। यदि इन बछड़ों में टैग नहीं लगे होते और मीडिया वीडियो नहीं बनाई होती तो जांच टीम इस बार भी पिछली बार की तरह सड़क पर मरे पड़े बछड़ों की तरह नकार देती। एसडीएम ने बताया कि आश्रय स्थल में 82 बछड़े मौजूद है।

रिपोर्ट—संतोष द्विवेदी

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