माँ शतचण्डी हवनात्मक महायज्ञ का विशाल भंडारे व वस्त्र वितरण के साथ पूर्णाहुति
बांसडीह, बलिया । साधन सहकारी समिति बेरुआरबारी बांसडीह मार्ग के पास चल रहे माँ शतचण्डी हवनात्मक महायज्ञ के अंतिम दिन बिशाल भंडारे का आयोजन किया गया।जिसमें हजारो की संख्या में लोगो ने यज्ञ का प्रसाद ग्रहण किया। दिन में हुए भागवत कथा में बृज बिहारी जी महाराज ने कहा कि हिंदुस्तान के करोड़ो करोड़ो मनुष्य की आत्मा में प्रभु का वास होता हैं जो भारतीय संस्कृति का परिचायक हैं।कृष्ण ने गरीब सुदामा को गले लगाकर सबको चकित कर दिया था कि एक गरीब ब्राह्मण को भगवान गले लगाकर बचपन की मित्रता को निभा रहे हैं और सारे संसार ने उसे देख भी।
उन्होंने कहा कि जिस नेत्र से प्रभु का दर्शन नही होता वो मयूर पंख के समान होता हो जाता है जो किसी काम का नही होता। उन्होंने कहा कि जहाँ सुमति होती हैं वही सम्पति होती है।गोस्वामी जी ने कहा है कि "जहाँ सुमति वहा सम्पति नाना" ।कहा कि जहाँ प्रभु की कथा होती है वहा प्रभु का वास हो जाता है। भगवान कहते हैं कि मैं बैकुण्ठ छोड़ सकता हु ।तपस्वी के हृदय को छोड़ सकता हु ।पर जहाँ मेरा भजन कीर्तन हो उस स्थान को नही छोड़ता।श्री महाराज ने कहा कि भगवान राम झुकना जानते थे इसलिए रावण के बाणों का उन पर असर नही होता।पर रावण झुकना नही जानता था इसलिये उसके सर कटते गए ।अर्थात जीवन मे नम्रता व विनम्रता होनी चाहिए तभी जीवन व परिवार सफल होगा।
उसके बाद आयोजन समिती द्वारा 101 गरीब निराश्रित महिलाओं, व बालिकाओ को साड़ी एवम लड़कियों को सूट का कपड़ा वितरित किया गया।
भजन की प्रस्तुति
उसके बाद अंतरराष्ट्रीय भजन गायक नन्दू मिश्र द्वारा बिशाल भगवती जागरण प्रस्तुत किया गया।हजारो की संख्या में क्षेत्रीय जनता ने जागरण का आनन्द लिया।उन्होंने जागरण की शुरुआत सरस्वती राखो मेरी लाज,मेरी लाज माई मेरी लाज ,सरस्वती राखो मेरी लाज,से शुरुआत की फिर एक मातृशक्ति पर भजन प्रस्तुत किया कि "सब कुछ मिल जाई पर दुनिया मे माई ना मिली।। गाकर स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आयोजक मंडल ने सभी का आभार प्रकट किया।
आयोजक मंडल में राघवेन्द्र प्रताप सिंह,प्रतीक कुमार सिंह, राकेश तिवारी छोटे, उदय प्रताप सिंह बुआ, रूपेश श्रीवास्तव मंटू लाल, अमित कुमार सिंह, प्रमोद तिवारी,अभिलाष आदि रहे।
रिपोर्ट : के के पांडेय
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