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श्रम का दसांश समाज के विकास को खर्च करने से बड़ा कोई पुण्यधर्म नहीं : सांसद



बैरिया(बलिया): सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि श्रम का दसांश समाज के विकास के लिए खर्च करना समाज धर्म का निर्वहन करना हैं। यह पुण्यदान होता है, इससे बड़ा कोई पुण्यधर्म नहीं है। ऐसे कार्यों से प्रेरणा लेकर प्रत्येक लोगों को समाज धर्म का निर्वहन करना चाहिए। सरस्वती शिशु मंदिर में भी लोगों द्वारा श्रम का दसांश खर्च कर विकास किया जाता है। उसी क्रम में रोटेरियन डा. निश्चल पांडेय भी है। जो विकास के लिए बराबर तत्पर रहते हैं।
सांसद रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर दोकटी के प्रांगण में आयोजित आस्ट्रेलियन रोटेरियनों के सम्मान में आयोजित शिक्षा गोष्टी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में इससे पूर्व भी रोटेरियन डा. निश्चल पांडेय, अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित विभिन्न रोटेरियन विद्यालय में आ चुके हैं और इसके विकास के लिए तत्पर रहते हैं। इससे बड़ा कोई पुण्य दान नहीं हो सकता है।यह पुण्य धर्म भी है। आज यह विद्यालय जिस प्रगति के पथ पर चल रहा है, इसी तरह के पुण्य धर्म से अग्रसर हैं। यह विद्यालय वैदिक शिक्षा का केंद्र होना चाहिए। इसके लिए मैं भी प्रयासरत हूं। विद्यालय के अध्यक्ष द्वारा जो भी आदेश मिलेगा उसे पूरा किया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि आस्ट्रेलियाई रोटेरियन नरेला इथर, लौरिन वंडरबोल्फ, जेन लाग्सटन ने ब्रुस थैनिंग ने इस अवसर पर विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया और साथ ही उपस्थित बच्चों से मिलकर जानकारी प्राप्त की। रोटेरियन द्नारा विद्यालय में फिल्टर भी लगाया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित व पुष्प अर्पित कर किया गया।
इस अवसर पर पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह, रामदेव सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दुबे, अमिताभ उपाध्याय, छितेश्वर मिश्र, अनुराग मिश्र आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष कृष्ण कुमार पांडेय व संचालन पवन मिश्र ने किया।
                                                          



रिपोर्ट : विद्याभूषण चौबे

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